रांची – झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में नेतृत्व परिवर्तन की औपचारिक घोषणा अब अंतिम चरण में है। खेलगांव में आयोजित दो दिवसीय 13वें महाधिवेशन के पहले दिन पार्टी ने अपने संविधान में ऐतिहासिक संशोधन करते हुए “कार्यकारी अध्यक्ष” पद को समाप्त कर दिया है। इसके स्थान पर “संस्थापक संरक्षक” का नया पद जोड़ा गया है, जिसकी जिम्मेदारी अब दिशोम गुरु शिबू सोरेन निभाएंगे, जबकि पार्टी की कमान हेमंत सोरेन को सौंपी जाएगी।

संविधान संशोधन पर लगी मुहर

महाधिवेशन के पहले दिन सांगठनिक प्रस्ताव के तहत झामुमो के संविधान में संशोधन प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अनुसार, अब कार्यकारी अध्यक्ष का पद पार्टी में अस्तित्व में नहीं रहेगा। आधिकारिक मुहर मंगलवार को लगेगी, जिसके बाद हेमंत सोरेन को झामुमो का केंद्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया जाएगा।

मंच पर दिखा जनसमर्थन

महाधिवेशन के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब व्हीलचेयर पर गुरुजी शिबू सोरेन को लेकर मंच पर पहुंचे, तो पूरा पंडाल “जय झारखंड” नारों से गूंज उठा। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बावजूद शिबू सोरेन मंच पर पत्नी रूपी सोरेन के साथ मौजूद रहे और कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद दिया।

हेमंत ने दिखाया नेतृत्व का दम

हेमंत सोरेन ने 2015 में कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। रघुवर दास सरकार के खिलाफ संघर्ष यात्रा से लेकर 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार सुनिश्चित करने तक, उनका राजनीतिक कौशल कई बार सामने आया है। हालिया विधानसभा चुनाव 2024 में भी उन्होंने गठबंधन के साथ मिलकर 56 सीटें जीतकर इतिहास रचा और लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की।

जेल से रिहाई के बाद भी राजनीतिक पकड़ बरकरार

गिरफ्तारी और आरोपों के बीच भी हाई कोर्ट की टिप्पणी – “साक्ष्य का अभाव” – हेमंत के लिए राहत लेकर आई। इसके बाद लोकसभा चुनाव में झामुमो ने सभी 5 आदिवासी आरक्षित सीटों पर जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया। इससे यह साफ हो गया कि हेमंत की पकड़ न केवल संगठन पर है, बल्कि जनसमर्थन पर भी मजबूत है।

“झामुमो को आता है राज्य लेना और चलाना” – हेमंत सोरेन

महाधिवेशन में अपने संबोधन में हेमंत ने कहा –

“झामुमो आज झारखंड की सबसे ताकतवर पार्टी बन चुकी है। यह पार्टी शोषित वर्गों की आवाज है। जब ये लोग एकजुट होते हैं, तो देश की सबसे बड़ी जमात को भी दो बार शिकस्त दे सकते हैं। हम राज्य को न केवल लेना जानते हैं, बल्कि सही दिशा में चलाना भी जानते हैं।”

आगे क्या?

मंगलवार को महाधिवेशन के अंतिम दिन हेमंत सोरेन को औपचारिक रूप से केंद्रीय अध्यक्ष घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही नई केंद्रीय समिति का गठन और चुनाव की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी।

निष्कर्ष:

हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो का यह नया अध्याय झारखंड की राजनीति को नई दिशा देने वाला है। शिबू सोरेन का अनुभव और आशीर्वाद, और हेमंत की नई ऊर्जा मिलकर पार्टी को राज्य की राजनीति में और भी सशक्त बनाने के संकेत दे रहे हैं।

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