रांची: झारखंड की राजनीति में युवाओं के रोजगार और नियोजन नीति का मुद्दा हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। राज्य के युवाओं के साथ किए गए वादों को लेकर भाजपा और हेमंत सोरेन सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। जहां हेमंत सोरेन सरकार ने युवाओं के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, वहीं भाजपा पर झारखंडी युवाओं के साथ धोखा करने और बाहरी लोगों के साथ मिलकर नियोजन नीति को रद्द कराने का आरोप लगाया जा रहा है।

भाजपा का घृणित षड्यंत्र और नियोजन नीति का रद्द होना

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने अपने कार्यकाल में राज्य के युवाओं के लिए नियोजन नीति को लागू कर राज्य के स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दी थी। लेकिन भाजपा पर आरोप है कि उसने बाहरी लोगों के साथ मिलकर इस नियोजन नीति को पीछे के दरवाजे से रद्द करवाने का काम किया। भाजपा पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उसने झारखंडी युवाओं के अधिकारों को छीनने के लिए षड्यंत्र रचा और झारखंड के विकास के रास्ते में बाधा उत्पन्न की।

हेमंत सोरेन सरकार की नियुक्तियों में झारखंडी युवाओं को प्राथमिकता

भाजपा के षड्यंत्र के बावजूद हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) के माध्यम से हजारों पदों पर नियुक्तियां देकर झारखंडी युवाओं के सपनों को साकार किया। कई पदों पर 75% से लेकर 100% तक झारखंडी युवाओं की नियुक्तियां की गईं, जो राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के गठन के बाद कई ऐसे पदों पर पहली बार नियुक्तियां की हैं, जो वर्षों से खाली पड़े थे।

झारखंडी युवाओं के सपनों को पूरा करने का प्रयास

राज्य के गठन के बाद से ही हेमंत सोरेन सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि झारखंडी युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दी जाए और उनके हक को कोई भी छीने नहीं। सरकार ने न केवल सरकारी नौकरी में बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। सोरेन सरकार द्वारा लिए गए इन निर्णयों से न केवल युवाओं को रोजगार मिला है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है।

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भाजपा की नाकामी: कितनी JPSC परीक्षाएं करवाईं?

झारखंडी विरोधी भाजपा को यह बताना चाहिए कि उसने अपने कार्यकाल में राज्य के युवाओं के लिए क्या किया। भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि उसने कितनी JPSC परीक्षाएं करवाईं और कितने युवाओं को नौकरी दी। भाजपा के कार्यकाल में JPSC की परीक्षाएं विवादों और अनियमितताओं से भरी रही हैं। कई बार परीक्षाएं रद्द की गईं और नियुक्तियों में पारदर्शिता की कमी के कारण युवा खुद को ठगा हुआ महसूस करते रहे।

हेमंत सोरेन सरकार की उपलब्धियां

  1. नियोजन नीति लागू: हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंडी युवाओं के लिए विशेष नियोजन नीति लागू की, जिसमें स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी गई।
  2. JPSC और JSSC के माध्यम से नियुक्तियां: हजारों पदों पर नियुक्तियां की गईं, जिनमें ज्यादातर झारखंडी युवाओं को रोजगार दिया गया।
  3. 75% से 100% झारखंडी युवाओं की नियुक्ति: विभिन्न पदों पर नियुक्तियों में 75% से 100% तक झारखंडी युवाओं को प्राथमिकता दी गई।
  4. पहली बार कई पदों पर नियुक्तियां: राज्य बनने के बाद कई पदों पर पहली बार नियुक्तियां कर युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान किए गए।
  5. रोजगार मेलों और कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन: सरकार ने युवाओं के कौशल विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाए और रोजगार मेलों का आयोजन कर उन्हें निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए।

निष्कर्ष

हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंडी युवाओं के हित में जो कार्य किए हैं, वे सराहनीय हैं। भाजपा पर राज्य के युवाओं के साथ धोखा करने और बाहरी लोगों के साथ मिलकर नियोजन नीति को रद्द कराने का आरोप है, जो राज्य के विकास में एक बड़ी रुकावट साबित हुआ। हेमंत सोरेन सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता को निभाते हुए युवाओं के रोजगार के सपनों को साकार करने का प्रयास किया है। राज्य के युवाओं के सपनों को पूरा करने और उन्हें उनके हक दिलाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी। झारखंड के विकास और युवाओं के भविष्य के लिए यह एक सकारात्मक कदम है, जो राज्य को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

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