झारखंड विधानसभा का बहुप्रतीक्षित बजट सत्र आज, 24 फरवरी से शुरू हो रहा है। यह सत्र 27 मार्च तक चलेगा और इसकी शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी रणनीतियां तैयार कर ली हैं। जहां सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ने विधायकों को सदन में अपनी पूरी उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, वहीं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है।

सत्ता पक्ष की रणनीति

रविवार को रांची के डॉ. श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन की बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायकों से सदन की कार्यवाही में सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि नए और अनुभवी विधायकों को मिलकर बेहतर समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए, जिससे जनहित के मुद्दों का प्रभावी समाधान हो सके। बैठक में कांग्रेस के प्रभारी के. राजू सहित झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले के विधायक मौजूद रहे।

बजट और सत्र की प्रमुख तिथियां

बजट सत्र के दौरान कुल 20 कार्य दिवस होंगे।

27 फरवरी को चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।

3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 का वार्षिक बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।

• बजट पेश होने के बाद अगले दो दिन इस पर विस्तृत चर्चा होगी।

• इसके बाद दस दिनों तक अनुदान मांगों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

• सत्र के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण विधेयकों और गैर-सरकारी संकल्पों पर चर्चा होगी।

विपक्ष का हमला

भाजपा ने इस सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी की ओर से आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार को जनता से किए गए वादों को पूरा करने के लिए मजबूर किया जाएगा। भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार बढ़ा है और प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में बिचौलियों की भूमिका बढ़ गई है और आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा।

महत्वपूर्ण विधेयकों पर नजर

इस सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत कर सकती है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे से जुड़े विषयों पर नए कानून शामिल हो सकते हैं। वहीं, विपक्ष इन विधेयकों की समीक्षा कर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने के लिए तैयार है।

बजट सत्र झारखंड की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है। सरकार जहां अपने कार्यों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दों को उठाकर उसे कटघरे में खड़ा करने का प्रयास करेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सत्र कितनी सुचारू रूप से चलता है और इसमें क्या नए फैसले लिए जाते हैं।

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