झारखंड सरकार ने गरीबों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए 2024-25 के लिए 29,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तावित किया है। इस बजट का प्रमुख हिस्सा महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, और गरीबों के लिए कपड़ा वितरण योजनाओं पर केंद्रित है।

महिला सम्मान योजना को प्राथमिकता

महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग ने महिला सम्मान योजना के तहत 17,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना, जो महिलाओं को प्रतिमाह वित्तीय सहायता प्रदान करती है, का बजट बढ़ाकर प्रति लाभार्थी 2,500 रुपये कर दिया गया है। यह कदम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

6 जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 56.61 लाख महिला लाभार्थियों के खातों में 1,415.45 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए थे। योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे इस साल का कुल बजट 17,700 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।

खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ी योजना

खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने खाद्य सुरक्षा से संबंधित योजनाओं के लिए 2,900 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव किया है।

  • सोना, सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना के तहत गरीब परिवारों को कपड़ा प्रदान करने के लिए 580 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है।
  • खाद्यान्न भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए 60 करोड़ रुपये की लागत से 1.09 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले नए गोदाम बनाए जाएंगे। इससे राज्य की कुल भंडारण क्षमता 2.28 लाख मीट्रिक टन से अधिक हो जाएगी।
  • गोदामों में धर्म कांटा लगाने की योजना भी प्रस्तावित है ताकि खाद्यान्न की सटीक मात्रा सुनिश्चित की जा सके।

विभागीय बजट का तुलनात्मक विश्लेषण

पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग का कुल बजटीय प्रावधान 8,021.93 करोड़ रुपये था। इस वर्ष इसमें बड़ी वृद्धि की गई है। खाद्य सुरक्षा विभाग का पिछला बजट 2,860.27 करोड़ रुपये था, जिसे इस बार और अधिक योजनाओं के लिए बढ़ाया गया है।

सरकार की प्राथमिकता: गरीब और महिलाएं

झारखंड सरकार का यह बजट गरीबी उन्मूलन, महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण, और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में व्यापक सुधार लाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार का फोकस गरीब और वंचित वर्गों की सहायता के साथ-साथ राज्य की आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने पर है।

यह कदम झारखंड में सामाजिक कल्याण और विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे राज्य के आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है।

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