रांची

झारखंड सरकार ने प्रदेश में नकली और घटिया गुणवत्ता की दवाओं के खिलाफ निर्णायक कदम उठाया है। अब राज्य के मेडिकल स्टोर पर कुछ खास श्रेणियों की दवाएं केवल तभी बेची जा सकेंगी, जब उन पर क्यूआर (QR) कोड मौजूद होगा। यह कोड उपभोक्ताओं को दवा की प्रामाणिकता की जांच करने का एक सीधा और सरल तरीका देगा।

क्यों जरूरी हुआ यह कदम?

राज्य में लगातार नकली दवाइयों के मामलों में बढ़ोतरी और मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ की घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। क्यूआर कोड स्कैन करते ही मरीज या ग्राहक को दवा की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, बैच नंबर, लाइसेंस की जानकारी सहित पूरी डिटेल मिल सकेगी। इससे नकली दवाओं को पहचानना आसान हो जाएगा और असली दवा के साथ भरोसा भी बढ़ेगा।

किन दवाओं पर लागू होगा नया नियम?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि दर्द निवारक, विटामिन सप्लीमेंट्स, डायबिटीज की दवाएं, गर्भनिरोधक गोलियां, थायरॉयड, एंटी एलर्जी और एंटीप्लेटलेट जैसी दवाओं पर यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू होगा। ये वे दवाएं हैं जिनका इस्तेमाल रोजमर्रा की बीमारियों और स्थितियों के लिए होता है, और इनके नकली होने से सीधे आमजन की सेहत पर प्रभाव पड़ता है।

दवा दुकानों के लिए सख्त निर्देश

राज्य सरकार ने मेडिकल दुकानों को अंतिम चेतावनी दी है कि अगर कोई भी दुकान बिना पंजीकरण के संचालित होती पाई गई, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और दुकान को सील कर दिया जाएगा। दुकानदारों से अपेक्षा की गई है कि वे केवल वैध, पंजीकृत सप्लायर्स से ही दवाएं खरीदें और QR कोड स्कैन योग्य दवाओं को ही स्टॉक करें।

तीन जिलों में आधुनिक टेस्टिंग लैब की घोषणा

दवाओं की गुणवत्ता की वैज्ञानिक जांच के लिए दुमका, पलामू और जमशेदपुर में नए ड्रग टेस्टिंग लैब की स्थापना की जाएगी। साथ ही खाद्य पदार्थों की शुद्धता पर नजर रखने के लिए फूड टेस्टिंग लैब भी इन जिलों में शुरू किए जाएंगे। राज्य की राजधानी रांची में पहले से संचालित प्रयोगशालाओं को भी अपग्रेड कर अत्याधुनिक बनाया जाएगा।

क जगह जमे अफसरों पर भी कार्रवाई तय

सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था में भ्रष्टाचार पर भी शिकंजा कसने की मंशा जताई है। जो अधिकारी वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत हैं, उनके स्थानांतरण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। सरकार का मानना है कि एक ही जगह लंबे समय तक जमे रहने से मिलीभगत और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।

राज्यव्यापी मिलावट विरोधी अभियान शुरू होगा

खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में भी सरकार पूरी तरह सतर्क है। सभी मॉल, होटल, रेस्टोरेंट और खाने-पीने की दुकानों में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की जांच की जाएगी। जहां भी मिलावट की पुष्टि होगी, वहां तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

यह फैसला झारखंड सरकार की उस सोच को दर्शाता है जिसमें जनस्वास्थ्य, उपभोक्ता अधिकार और पारदर्शिता सर्वोपरि हैं। आने वाले दिनों में इससे न केवल दवा बाजार में अनुशासन बढ़ेगा, बल्कि आम नागरिकों को भी सुरक्षित दवा और खाद्य पदार्थ प्राप्त करने का भरोसा मिलेगा।

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