रांची
राजधानी रांची के करमटोली स्थित आदिवासी कॉलेज छात्रावास परिसर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 520 शैय्या वाले बहुमंजिली अनुसूचित जनजाति छात्रावास के निर्माण हेतु पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भूमि पूजन कर आधारशिला रखी। यह परियोजना राज्य सरकार की उस दूरदर्शी सोच का हिस्सा है, जिसमें अनुसूचित जनजाति समुदाय के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित छात्रावास सुविधा मुहैया कराना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
परियोजना का मुख्य उद्देश्य और विशेषताएं
- स्थान: आदिवासी कॉलेज छात्रावास परिसर, करमटोली, रांची
- कुल क्षमता: 520 शैय्या
- निर्माण लागत: लगभग 26 करोड़ रुपये
- निर्माण एजेंसी: भवन निर्माण विभाग, झारखंड सरकार
- समाप्ति लक्ष्य: अगले 18 से 24 महीनों में निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य
इस बहुमंजिली छात्रावास भवन में आधुनिक सुविधाओं से युक्त कमरे, अध्ययन कक्ष, पुस्तकालय, भोजनालय, शुद्ध पेयजल, और स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल होंगी। यह छात्रावास रांची में उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले दूर-दराज के आदिवासी छात्रों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संबोधन
भूमि पूजन के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा:
“राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए शिक्षा का समुचित वातावरण उपलब्ध कराने हेतु लगातार प्रयासरत है। यह छात्रावास एक संरचना मात्र नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और युवाओं के आत्मनिर्भर भविष्य की नींव है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी युवाओं को केवल शैक्षणिक अवसर देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें उपयुक्त वातावरण, सम्मान और संसाधन भी देना जरूरी है। सरकार का लक्ष्य है कि किसी भी छात्र की पढ़ाई संसाधनों की कमी के कारण बाधित न हो।
सांस्कृतिक गरिमा और परंपरा का निर्वाह
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक झारखंडी रीति-रिवाजों के अनुसार भूमि पूजन के साथ हुई। पूजा कार्यक्रम में लोकगायन, मांदर-नगाड़े की ध्वनि, और पारंपरिक परिधानों में सज्जित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां विशेष आकर्षण रहीं। इससे झारखंड की सांस्कृतिक अस्मिता को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर कई विशिष्ट अतिथि भी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:
- राज्यसभा सांसद महुआ माजी
- अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री चमरा लिंडा
- नगर निगम के अधिकारीगण
- स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि
शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में सरकार का संकल्प
राज्य सरकार ने पिछली कुछ वर्षों में छात्रावास निर्माण, विद्यालय भवनों की मरम्मत, स्मार्ट क्लासेस और छात्रवृत्ति जैसी कई योजनाओं को गति दी है। करमटोली छात्रावास की यह परियोजना उसी श्रृंखला की एक कड़ी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी ऐसे बहुमंजिली छात्रावास बनाए जाएंगे।
निष्कर्ष
करमटोली में प्रस्तावित 520 शैय्या वाला यह बहुमंजिला छात्रावास झारखंड में शैक्षिक ढांचे को मजबूती देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल एक निर्माण परियोजना है, बल्कि आदिवासी युवाओं के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को संबल देने वाली सामाजिक पहल है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास और सामाजिक समानता की स्पष्ट झलक है।