झारखंड के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी सीट के निर्दलीय विधायक सरयू राय की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं। रांची पुलिस ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में FIR दर्ज की है, जिससे राज्य की राजनीति में खलबली मच गई है। सरयू राय, जो पहले झारखंड के खाद्य और सार्वजनिक आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं, उन पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। यह मामला विधानसभा चुनाव से पहले सामने आया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है।

भ्रष्टाचार के आरोप और FIR का पंजीकरण

रांची के निवासी मनोज सिंह की शिकायत के आधार पर पुलिस ने सरयू राय और उनके तत्कालीन निजी सचिव आनंद सहित तीन अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि जब सरयू राय झारखंड सरकार में खाद्य और सार्वजनिक आपूर्ति मंत्री थे, तब उनके कार्यकाल के दौरान “आहार पत्रिका” के प्रकाशन में अनियमितताएँ हुईं। मनोज सिंह का आरोप है कि इस मामले में 3 करोड़ 38 लाख रुपये से अधिक की हेराफेरी की गई है। रांची के अरगोड़ा थाने में इस मामले को लेकर FIR दर्ज की गई है।

राजनीतिक भविष्य पर संकट

यह मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब झारखंड में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियाँ तेज हो रही हैं। सरयू राय, जो 2019 के विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी सीट से रघुवर दास को हराकर निर्दलीय विधायक बने थे, अब एक बार फिर से मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। इससे पहले भी रांची के डोरंडा थाने में उनके खिलाफ एक अन्य मामला दर्ज किया गया था। उस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था और सरयू राय को नोटिस जारी किया गया था।

सरयू राय की राजनीतिक यात्रा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ‘पाठशाला’ से निकले सरयू राय ने झारखंड-बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेता माने जाते थे। उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने भारतीय जन मोर्चा नामक एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया, लेकिन हाल ही में वे जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शामिल हो गए।

चुनाव से पहले उठे सवाल

झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, और ऐसे में सरयू राय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज होना राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जहां एक ओर उनके विरोधी इसे उनके राजनीतिक जीवन को खत्म करने की साजिश बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरयू राय के समर्थकों का कहना है कि यह मामला एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है, जो उनके बढ़ते राजनीतिक कद को कम करने के लिए किया गया है।

पार्टी में शामिल होने के बाद बदली स्थिति

हाल ही में सरयू राय ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) की सदस्यता ली थी। पटना में जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। यह कदम सरयू राय के राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा था, लेकिन अब भ्रष्टाचार के आरोपों और FIR के बाद उनकी स्थिति कठिन हो गई है।

निष्कर्ष

झारखंड की राजनीति में सरयू राय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और FIR दर्ज होने के बाद राजनीतिक स्थिति काफी बदल गई है। यह मामला विधानसभा चुनाव के समय पर सामने आया है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का न्यायिक प्रक्रिया में क्या परिणाम निकलता है और इसका सरयू राय के राजनीतिक करियर पर क्या असर पड़ता है।

इस बीच, राज्य की जनता भी इस मामले को गंभीरता से देख रही है और आगामी चुनावों में इस घटना का प्रभाव देखने को मिल सकता है। अब यह वक्त ही बताएगा कि सरयू राय इस संकट से कैसे निपटते हैं और उनके खिलाफ लगे आरोपों की सच्चाई क्या है।

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