रांची | झारखंड की राजधानी रांची में मोरहाबादी मैदान में आयोजित छठे झारखंड अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (JIFFA) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस फेस्टिवल के चेयरमैन ऋषि प्रकाश मिश्रा और उनके सहयोगी आकाश सिन्हा पर गंभीर आरोप लगे हैं। कार्यपालक दंडाधिकारी जफर हसनात की ओर से लालपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें कहा गया है कि बिना अनुमति के झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य के कई शीर्ष अधिकारियों की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया। यह न सिर्फ एक कानूनी उल्लंघन है, बल्कि इससे राज्य की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है।
झारखंड में फिल्म इंडस्ट्री के नाम पर चल रहा है फर्जीवाड़ा
JIFFA खुद को झारखंड का सबसे बड़ा फिल्म फेस्टिवल बताने का दावा करता है, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है। ऋषि प्रकाश मिश्रा और आकाश सिन्हा ने इस आयोजन को सिर्फ पैसे कमाने और खुद को स्थापित करने का जरिया बना लिया है। इनका असली मकसद फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि झूठी मार्केटिंग के जरिए सरकारी और प्राइवेट फंडिंग हासिल करना है।
फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ धोखाधड़ी
सूत्रों के मुताबिक, JIFFA में कई एक्ट्रेस, मॉडल्स और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को बुलाया जाता है, लेकिन उन्हें न तो कोई सही मंच दिया जाता है और न ही उनका भुगतान किया जाता है।
• अभिनेत्रियों और मॉडल्स का इस्तेमाल, मगर भुगतान नहीं
कई मॉडल्स और एक्ट्रेसेस को बुलाकर उनके नाम का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन बाद में उन्हें भुगतान नहीं किया जाता। उनके रहने, खाने-पीने और आने-जाने की कोई व्यवस्था ठीक से नहीं की जाती।
• झूठे अवार्ड और फर्जी प्रमोशन
यह फेस्टिवल खुद को बड़े स्तर का बताता है, लेकिन असलियत यह है कि इसमें सिर्फ औपचारिकताएं निभाई जाती हैं। फेक वीडियो, फोटोशॉप की गई तस्वीरें और झूठे इंटरव्यू के जरिए इसे बड़ा दिखाने की कोशिश की जाती है।
सरकारी अधिकारियों की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि JIFFA के प्रचार के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री और सरकारी अधिकारियों की तस्वीरों का बिना अनुमति के इस्तेमाल किया गया। इससे यह साफ हो जाता है कि आयोजकों को किसी नियम-कानून की परवाह नहीं है।
ऋषि प्रकाश मिश्रा और आकाश सिन्हा की भूमिका संदिग्ध
ऋषि प्रकाश मिश्रा और उनके करीबी सहयोगी आकाश सिन्हा इस पूरे फेस्टिवल के संचालन में मुख्य भूमिका निभाते हैं। आरोप है कि दोनों ने मिलकर इस फेस्टिवल को एक धोखाधड़ी का मंच बना दिया है।
• सरकारी लोगों के नाम का गलत इस्तेमाल
• मॉडल्स और एक्ट्रेसेस को बुलाकर बिना भुगतान छोड़ देना
• फर्जी वीडियो और झूठे अवार्ड्स से फेस्टिवल को बड़ा दिखाने की कोशिश
• प्रायोजकों से पैसे लेकर गलत इस्तेमाल करना
अब क्या होगी कार्रवाई?
ऋषि प्रकाश मिश्रा और आकाश सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इनपर सख्त कार्रवाई करेगा? झारखंड की फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के नाम पर कब तक ऐसे फर्जीवाड़े चलते रहेंगे?
जरूरी है कि ऐसे आयोजनों की सच्चाई सामने लाई जाए, ताकि झारखंड की फिल्म इंडस्ट्री को सही दिशा मिल सके।