रांची: झारखंड सरकार ने राज्य में गुटखा और पान मसाला पर प्रतिबंध लगाने का बड़ा फैसला लिया है। इस कदम का उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना और राज्य में तंबाकू सेवन को कम करना है।

सरकार का सख्त रुख

स्वास्थ्य विशेषज्ञों और विभिन्न संगठनों की ओर से लंबे समय से तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही थी। सरकार ने इस पर विचार करते हुए यह फैसला लिया है, जिससे गुटखा और पान मसाला की बिक्री, उत्पादन और भंडारण पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।

जनता की प्रतिक्रिया

सरकार के इस निर्णय पर आम जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जहां स्वास्थ्य विशेषज्ञ और सामाजिक संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया है, वहीं गुटखा और पान मसाला व्यापार से जुड़े लोगों में चिंता देखी जा रही है।

क्या होगा असर?

1. स्वास्थ्य पर प्रभाव: इस प्रतिबंध से तंबाकू जनित बीमारियों जैसे कैंसर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी।

2. व्यापार पर प्रभाव: गुटखा और पान मसाला से जुड़े छोटे व्यापारियों और विक्रेताओं को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

3. कानूनी कार्रवाई: प्रतिबंध के बावजूद यदि कोई व्यक्ति इन उत्पादों का उत्पादन या बिक्री करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पहले भी लग चुका है बैन

गौरतलब है कि झारखंड सहित कई अन्य राज्यों में पहले भी तंबाकू उत्पादों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन प्रभावी क्रियान्वयन के अभाव में यह पूरी तरह सफल नहीं हो पाया। अब सरकार ने इस बार सख्ती से इस फैसले को लागू करने की योजना बनाई है।

सरकार की अपील

झारखंड सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तंबाकू उत्पादों का सेवन बंद करें और इस फैसले का समर्थन करें।

यह प्रतिबंध राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि इसे कितनी सख्ती से लागू किया जाता है और लोगों पर इसका कितना असर पड़ता है।

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