पलामू के मेदिनीनगर में झारखंड सीजीएल परीक्षा से पहले बड़ी कार्रवाई, 94 लाख रुपये और दो युवक हिरासत में

झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) प्रतियोगिता परीक्षा 2024 से ठीक पहले पलामू के मेदिनीनगर में एक बड़ी कार्रवाई हुई है। शुक्रवार की रात को मेदिनीनगर के एक होटल/लाज में छापेमारी कर पुलिस ने 94 लाख रुपये जब्त किए और दो युवकों को हिरासत में लिया। यह घटना तब सामने आई जब अधिकारियों को होटल में भारी मात्रा में नकदी की सूचना मिली।

गिरफ्तार युवक औरंगाबाद और पटना के रहने वाले

पकड़े गए युवकों में बिहार के औरंगाबाद निवासी सदन यादव और पटना निवासी नीतीश कुमार शामिल हैं। छापेमारी के दौरान इन युवकों के पास से 94 लाख रुपये बरामद हुए, जो छह अलग-अलग बंडलों में रखे हुए थे। चार बंडलों में 14.5-14.5 लाख रुपये, एक बंडल में 17.5 लाख रुपये और अन्य बंडल में शेष राशि रखी हुई थी। ये सारे बंडल दो अलग-अलग बैग में रखे गए थे, जिन्हें होटल के कमरे में छिपाकर रखा गया था।

वाराणसी के स्वर्ण व्यवसायी से मिला था रुपया

गिरफ्तार युवकों ने पूछताछ में बताया कि यह रुपया वाराणसी के एक स्वर्ण व्यवसायी ने दिया था। उनके अनुसार, यह रकम मेदिनीनगर में किसी व्यक्ति को दी जानी थी। उन्हें निर्देश दिया गया था कि किसी व्यक्ति के फोन करने के बाद वह उनके पास आकर पैसे ले जाएगा। इस पूरे मामले की तहकीकात की जा रही है और आयकर विभाग को भी इसकी सूचना दे दी गई है।

पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

छापेमारी का नेतृत्व सदर एसडीओ अनुराग तिवारी, अपर समाहर्ता कुंदन कुमार, अंचलाधिकारी अमरजीत बलहोत्रा और टाउन थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने किया। उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए युवकों को हिरासत में लिया और भारी मात्रा में बरामद राशि को सुरक्षित किया। पुलिस द्वारा बताया गया है कि मामले की गहन जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इतनी बड़ी राशि का उद्देश्य क्या था और इसे किसे सौंपा जाना था।

आयकर विभाग की जांच

पुलिस ने छापेमारी के दौरान बरामद नकदी की सूचना आयकर अधिकारियों को भी दी है, ताकि इसकी जांच की जा सके कि कहीं यह राशि अवैध रूप से अर्जित तो नहीं की गई है। आयकर विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि बरामद की गई राशि का स्रोत क्या है और इसे किस उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जाना था।

सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी का अंदेशा?

झारखंड सीजीएल परीक्षा से ठीक पहले इस प्रकार की घटना ने परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है, ताकि परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार की संभावना को रोका जा सके। इस घटना ने राज्य में परीक्षाओं के दौरान होने वाली अनियमितताओं पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

आगे की कार्रवाई और संभावित परिणाम

प्रशासन ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी। इस घटना से झारखंड के परीक्षा तंत्र की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर भी महत्वपूर्ण सवाल उठ खड़े हुए हैं, जिन्हें हल करने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे।

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