हेमंत सोरेन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए उद्योग विभाग को 486.32 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। सरकार का मुख्य फोकस राज्य में अनुकूल औद्योगिक वातावरण तैयार करने और मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों (MSME) के विस्तार पर है। इस प्रयास के तहत, सरकार अगले वर्ष में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने की योजना बना रही है, जिससे राज्य के लगभग 15,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।
औद्योगिक विकास को मिलेगी मजबूती
सरकार ने औद्योगिक नीतियों के कार्यान्वयन के लिए 450 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके तहत MSME क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए झारखंड MSME प्रोत्साहन नीति 2023 को अधिसूचित किया गया है। इस नीति के तहत उद्यमियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए MSME निदेशालय या MSME सेल की स्थापना प्रस्तावित है।
मुख्य औद्योगिक पहलें:
• नए उद्योगों को सब्सिडी और अनुदान: राज्य में नई औद्योगिक इकाइयों को अनुदान और प्रोत्साहन देने की नीति के तहत राशि आवंटित की गई है।
• सिंगल विंडो सिस्टम: निवेशकों और उद्योगों को सुगम प्रक्रिया प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को मजबूत किया जाएगा।
• औद्योगिक क्षेत्रों का विकास: बोकारो, गिरिडीह, कांड्रा, सिंदरी, आदित्यपुर, जसीडीह और देवीपुर औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।
• रेशम उत्पादन: वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1,800 मीट्रिक टन तसर रेशम उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1,500 मीट्रिक टन के लक्ष्य की ओर प्रगति जारी है।
सिंचाई परियोजनाओं के विकास पर विशेष जोर
राज्य में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए जल संसाधन विभाग को 2,257.46 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। सरकार की योजना 779.20 करोड़ रुपये की लागत से नई सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण करने और पुरानी परियोजनाओं को पूरा करने की है।
प्रमुख सिंचाई योजनाएं:
• 136 करोड़ रुपये से वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का जीर्णोद्धार, विस्तार और आधुनिकीकरण किया जाएगा।
• स्वर्णरेखा परियोजना के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
• बराकर नदी पर वीयर निर्माण और भूमिगत पाइपलाइन सिंचाई योजना के लिए 639.20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह योजना जुलाई 2024 में शुरू हुई थी और अगले तीन वर्षों में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।
निष्कर्ष
हेमंत सरकार के इस बजट में औद्योगिक विकास, निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजन पर जोर दिया गया है। MSME सेक्टर को बढ़ावा देने, नए उद्योगों को प्रोत्साहन देने और औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना सुधारने की योजनाएं रोजगार के अवसरों को मजबूत करेंगी। साथ ही, सिंचाई परियोजनाओं के विस्तार से कृषि क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी।