झारखंड के रक्षा राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद संजय सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राज्य में फसलों की निगरानी के लिए सैटेलाइट डाटा के उपयोग को लागू करने की आवश्यकता जताई है। सेठ ने मंगलवार को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री को बताया कि मध्य प्रदेश की सरकार इस दिशा में पहले से ही कार्यरत है और सैटेलाइट डाटा का उपयोग कर रही है। इसके परिणामस्वरूप फसलों की निगरानी, प्राकृतिक आपदा के दौरान क्षति का आकलन, और फसल बीमा संबंधी दावों के निपटारे में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है।

मध्य प्रदेश की सफलता से प्रेरणा

संजय सेठ ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सैटेलाइट डाटा का उपयोग कृषि क्षेत्र में कई चुनौतियों का हल करने के लिए किया जा रहा है। इस तकनीक के माध्यम से खेती वाले क्षेत्रों की निरंतर निगरानी की जाती है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं या अन्य किसी अवांछित परिस्थिति में फसल नुकसान का सटीक आकलन किया जा सकता है। इसके अलावा, फसल बीमा दावों के निपटारे में भी यह तकनीक गड़बड़ी को रोकने और प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध हो रही है।

राजस्थान सरकार भी अपना रही है सैटेलाइट डाटा

संजय सेठ ने अपने पत्र में यह भी बताया कि मध्य प्रदेश की सफलता को देखते हुए अब राजस्थान सरकार भी सैटेलाइट डाटा के माध्यम से फसलों की निगरानी की प्रक्रिया को लागू कर रही है। उन्होंने यह तर्क दिया कि यह एक अत्याधुनिक तकनीक है, जो न केवल किसानों की समस्याओं को हल करने में मदद करती है, बल्कि सरकार के लिए भी फसलों के उत्पादन और बीमा दावों से जुड़ी प्रक्रियाओं को पारदर्शी और कुशल बनाती है।

झारखंड के किसानों की समस्याओं का समाधान

संजय सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बताया कि झारखंड के किसानों को अक्सर फसलों की निगरानी और बीमा दावों के निपटारे के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार किसान अपने ही फसल बीमा के भुगतान के लिए बहुत परेशान हो जाते हैं और उन्हें बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं। ऐसे में सैटेलाइट डाटा से फसलों की निगरानी की व्यवस्था न केवल किसानों के लिए बल्कि सरकार के लिए भी एक बड़ी राहत का काम करेगी।

सैटेलाइट डाटा से बढ़ेगी पारदर्शिता

सेठ ने अपने पत्र में कहा कि सैटेलाइट डाटा का उपयोग फसलों के उत्पादन और बीमा दावों के निपटारे में पारदर्शिता लाएगा। इस तकनीक के जरिए फसलों की वास्तविक स्थिति और उत्पादन का सटीक आकलन किया जा सकेगा। इससे बीमा कंपनियों और किसानों के बीच होने वाले विवादों में कमी आएगी और किसानों को समय पर बीमा का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, इससे किसानों को मौसम संबंधी जानकारी भी सटीक रूप से मिल सकेगी, जिससे वे अपनी खेती की योजना बेहतर तरीके से बना सकेंगे।

मुख्यमंत्री से की गई अपील

संजय सेठ ने अपने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि झारखंड के किसानों और राज्य के हित में सैटेलाइट डाटा आधारित फसल निगरानी प्रणाली को जल्द से जल्द लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह तकनीक राज्य के कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मददगार साबित होगी। इसके साथ ही, इससे झारखंड के किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा और उन्हें बीमा से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

निष्कर्ष

संजय सेठ द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया यह पत्र झारखंड में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। सैटेलाइट डाटा के उपयोग से फसलों की निगरानी और बीमा दावों की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, जिससे किसानों को लाभ होगा। यदि झारखंड सरकार इस तकनीक को अपनाती है, तो यह राज्य के कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने और किसानों की समस्याओं को हल करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

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