केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के पलामू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर मुसलमानों को आरक्षण देने के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया। शाह ने स्पष्ट किया कि भाजपा के रहते हुए किसी भी धर्म विशेष को आरक्षण नहीं मिलेगा। उनका कहना था कि कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान लाकर दलितों, आदिवासियों और ओबीसी समुदाय का हक छीनने की कोशिश कर रही है।

धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध

अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र में मुसलमानों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया है, जो कि दलितों और आदिवासियों के हितों पर कुठाराघात है। शाह ने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देकर एससी-एसटी और ओबीसी का हक छीनना चाहती है।

शाह ने कहा, “राहुल बाबा, आपके नेता महाराष्ट्र में कह रहे हैं कि मुसलमानों को आरक्षण देंगे। लेकिन भाजपा के रहते हुए हम इस तरह के धर्म-आधारित आरक्षण को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।” उन्होंने कांग्रेस को ओबीसी विरोधी पार्टी करार दिया और कहा कि कांग्रेस के शासन में हमेशा ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय हुआ है।

भाजपा की पहल और ओबीसी का आरक्षण

अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने ओबीसी समुदाय के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिया। शाह ने कहा, “जब 2014 में जनता ने नरेंद्र मोदी की सरकार को चुना, तब ओबीसी को आरक्षण देने का फैसला किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि उन्हें उनका हक मिले।”

उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने काका कालेलकर समिति और मंडल आयोग की रिपोर्ट के कार्यान्वयन में देरी की, जिससे ओबीसी समुदाय को आरक्षण का लाभ मिलने में वर्षों का समय लगा। शाह ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर मंडल आयोग की सिफारिशों का विरोध करने का आरोप लगाया और बताया कि भाजपा ने सत्ता में आते ही ओबीसी के लिए संवैधानिक ढांचे में सुधार किए।

झारखंड की मौजूदा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप

शाह ने झारखंड में मौजूदा जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की सरकार को देश का सबसे भ्रष्ट प्रशासन करार दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और इस गठबंधन ने जनता का पैसा लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने एक कांग्रेस सांसद के घर से 300 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त होने की घटना का जिक्र किया और बताया कि इतनी बड़ी रकम गिनने के लिए 27 मशीनें लाई गईं, जो अंततः थक गईं।

अमित शाह ने कहा कि झारखंड की जनता का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है और इसे भाजपा सत्ता में आने के बाद वापस जनता के हित में लगाया जाएगा। उन्होंने राज्य के युवाओं और गरीबों से अपील की कि वे भाजपा को समर्थन दें, ताकि भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे डाला जा सके।

भाजपा की भ्रष्टाचार-विरोधी रणनीति

शाह ने अपने भाषण में कहा कि अगर झारखंड में भाजपा की सरकार आती है, तो वह भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी के नेताओं ने झारखंड के विकास को नुकसान पहुंचाया है और अब समय आ गया है कि जनता इनसे हिसाब ले। शाह ने जोर देकर कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद भ्रष्ट लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा।

निष्कर्ष

अमित शाह का यह भाषण झारखंड की जनता को स्पष्ट संदेश देने का प्रयास था कि भाजपा धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध करती है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगी। कांग्रेस और जेएमएम सरकार के खिलाफ उनके इस तीखे हमले से भाजपा ने जनता के सामने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है कि वह न्याय और समानता के आधार पर राज्य का विकास करेगी।

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