इजरायली सेना ने हाल ही में लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ किए गए हवाई हमलों में बड़ी सफलता का दावा किया है। इजरायली हमलों में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह समेत 20 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं। इजरायल ने कई मिसाइल हमलों के जरिए नसरल्लाह को निशाना बनाया, जो एक बंकर में छिपा हुआ था। इन हमलों के बाद हिजबुल्लाह संगठन को भारी झटका लगा है, और इससे उसकी ताकत और नेतृत्व पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
नसरल्लाह की मौत: हिजबुल्लाह के लिए बड़ा झटका
हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत से संगठन की रीढ़ टूट गई है। नसरल्लाह लंबे समय से हिजबुल्लाह का चेहरा और उसकी विचारधारा का प्रमुख वाहक रहा है। उसकी रणनीति और नेतृत्व के तहत हिजबुल्लाह ने लेबनान और मध्य पूर्व में अपनी मजबूत पकड़ बनाई थी। इजरायली सेना द्वारा बंकर में छिपे नसरल्लाह पर किए गए हमले में उसे मार गिराया गया। इस हमले के बाद हिजबुल्लाह को न सिर्फ नेतृत्व संकट का सामना करना पड़ेगा, बल्कि उसकी गतिविधियों पर भी असर पड़ सकता है।
नसरल्लाह का शव बरामद: Video आया सामने
हिजबुल्लाह ने अब हसन नसरल्लाह का शव बेरूत के दक्षिण में स्थित दहिया इलाके से बरामद किया है। नसरल्लाह के शव को निकालने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसे लेबनान के एक टीवी न्यूज चैनल द्वारा प्रसारित किया गया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि नसरल्लाह का शव एक गहरे गड्ढे से निकाला जा रहा है, और चारों ओर मलबा फैला हुआ है। यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर भी प्रसारित किया गया है, जहां इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है।
इजरायली सेना का दावा: बड़े आतंकियों का खात्मा
इजरायली सेना ने अपने बयान में कहा है कि उसने इस हमले में न केवल हसन नसरल्लाह को मार गिराया, बल्कि हिजबुल्लाह के अन्य प्रमुख आतंकियों को भी निशाना बनाया। मारे गए आतंकियों में नसरल्लाह की सुरक्षा इकाई के निदेशक इब्राहिम हुसैन जाजिनी, समीर तौफीक दीब, अब्द अल-अमीर मुहम्मद सब्लिनी और अली नाफ अयूब जैसे बड़े नाम शामिल हैं। ये सभी हिजबुल्लाह के नेतृत्व में महत्वपूर्ण पदों पर थे और संगठन की सुरक्षा और रणनीति का हिस्सा थे।
हिजबुल्लाह की कमजोर होती स्थिति
हिजबुल्लाह की स्थापना 1985 में हुई थी और तब से यह लेबनान और उसके आसपास के क्षेत्रों में इजरायल के खिलाफ संघर्ष का एक प्रमुख चेहरा रहा है। हालांकि, हसन नसरल्लाह की मौत के बाद अब संगठन को नेतृत्व संकट का सामना करना पड़ेगा। नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्लाह ने न केवल इजरायल के खिलाफ हमलों को अंजाम दिया, बल्कि यह संगठन लेबनान की राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। अब नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह की गतिविधियों और उसकी रणनीति पर गंभीर असर पड़ सकता है।
इजरायल की बढ़ती सक्रियता
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष कोई नई बात नहीं है। दोनों के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। इजरायल हमेशा से हिजबुल्लाह को एक बड़ा खतरा मानता रहा है और उसने समय-समय पर इस संगठन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की है। इजरायली सेना की यह हालिया कार्रवाई यह दिखाती है कि वह हिजबुल्लाह को कमजोर करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। नसरल्लाह की मौत इजरायल के लिए एक बड़ी सैन्य और रणनीतिक जीत मानी जा रही है।
मध्य पूर्व में बदलते समीकरण
हसन नसरल्लाह की मौत के साथ ही मध्य पूर्व के राजनीतिक और सैन्य समीकरणों में भी बदलाव आ सकता है। हिजबुल्लाह का कमजोर होना लेबनान की राजनीति पर भी असर डालेगा, जहां यह संगठन एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा था। इसके अलावा, इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच चल रही लड़ाई से क्षेत्र में शांति प्रयासों पर भी असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत ने संगठन की ताकत को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है। इजरायली सेना की इस कार्रवाई से हिजबुल्लाह को न केवल अपने शीर्ष नेतृत्व का नुकसान हुआ है, बल्कि उसकी भविष्य की रणनीति और गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा। अब देखना होगा कि हिजबुल्लाह इस चुनौती का सामना कैसे करता है और इजरायल के साथ उसका संघर्ष किस दिशा में जाता है।