रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सोमवार को उनके आवासीय कार्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान, नामकुम, रांची के निदेशक डॉ. अभिजीत कर और कंसल्टेंट डॉ. निर्मल कुमार ने मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य संस्थान के शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री को आमंत्रित करना था। समारोह का आयोजन 20 सितंबर को किया जाएगा, जिसमें देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी।

शताब्दी समारोह: एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर

राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान का शताब्दी समारोह संस्थान के 100 वर्षों की गौरवशाली यात्रा को चिह्नित करता है। यह संस्थान भारतीय कृषि के क्षेत्र में शोध, प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अपनी अमूल्य सेवाएं प्रदान करता आ रहा है। इस समारोह में कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति, वैज्ञानिक, किसान, और कृषि क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे।

संस्थान के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि होंगी, जो इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना देता है। इस अवसर पर कृषि अनुसंधान और प्रसंस्करण के क्षेत्र में हो रहे नवाचार और सुधारों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, किसानों को नई तकनीकों और प्रसंस्करण विधियों से अवगत कराने पर भी जोर दिया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादकता में सुधार हो सके।

मुख्यमंत्री को आमंत्रण

डॉ. अभिजीत कर और डॉ. निर्मल कुमार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस आमंत्रण को स्वीकार किया और कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में झारखंड के योगदान और महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने संस्थान की सेवाओं और उनके द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों की सराहना की, जो राज्य के कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।

संस्थान की भूमिका और योगदान

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान ने झारखंड और पूरे देश के किसानों को नई तकनीकों और प्रसंस्करण विधियों से अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संस्थान का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण के जरिए किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें नई तकनीकों से सशक्त बनाना है। इस संस्थान ने किसानों को कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार और प्रसंस्करण के माध्यम से मूल्यवर्धन करने के लिए जागरूक किया है।

संस्थान के माध्यम से कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने के साथ-साथ उनकी मार्केटिंग और निर्यात के अवसर भी बढ़ाए गए हैं। झारखंड जैसे राज्य में, जहां किसानों की आय में सुधार और उत्पादकता को बढ़ाना एक चुनौती है, संस्थान ने विशेष योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को सशक्त बनाने और कृषि में नई तकनीकों को अपनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कृषि अनुसंधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस तरह के संस्थान कृषि क्षेत्र में नवाचार और शोध के माध्यम से किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने में मददगार होते हैं।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि झारखंड में कृषि के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं, और इसके लिए आधुनिक तकनीकों और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार कृषि में नवाचार और प्रसंस्करण के क्षेत्र में और अधिक ध्यान देगी ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।

उम्मीदें और भविष्य की योजनाएं

इस मुलाकात के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि झारखंड में कृषि के क्षेत्र में नए शोध और प्रसंस्करण तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मिलकर किसानों के लिए नई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत कर सकते हैं, जिससे राज्य के किसानों को सीधा लाभ हो सके।

संस्थान के शताब्दी समारोह के माध्यम से नई योजनाओं और तकनीकों पर चर्चा होगी, जो भविष्य में झारखंड और देशभर के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। यह समारोह कृषि क्षेत्र में एक नई दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है, जो झारखंड को एक अग्रणी कृषि राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

निष्कर्ष

डॉ. अभिजीत कर और डॉ. निर्मल कुमार द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शताब्दी समारोह में आमंत्रित करने के साथ ही कृषि अनुसंधान और प्रसंस्करण के क्षेत्र में नए आयाम जुड़ने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कृषि के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान के महत्व को समझते हुए, इस दिशा में सरकार की योजनाओं को और भी सशक्त बनाने का आश्वासन दिया। इस तरह की पहलें राज्य के कृषि विकास के लिए एक सकारात्मक कदम साबित होंगी।

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