रांची में एक खतरनाक गैंग सक्रिय हो चुका है, जो साफ-सफाई के काम के नाम पर महिलाओं और परिवारों को निशाना बना रहा है। इस गिरोह की योजना बेहद चालाकी से बनाई जाती है। वे पहले घर में साफ-सफाई करने के लिए महिलाओं को भेजते हैं, और फिर दूसरे दिन या कुछ समय बाद एक अन्य महिला को धमकी देने के लिए भेजते हैं। इस गिरोह की कार्यप्रणाली और उनका मुख्य उद्देश्य घर के मालिकों को मानसिक रूप से डराना और उनसे पैसों की मांग करना है।
गैंग की चालबाजी
- पहला कदम: ट्रायल के बहाने घर में प्रवेश
सबसे पहले यह गैंग दो या तीन महिलाओं को ट्रायल के नाम पर घरों में भेजता है। ये महिलाएं साफ-सफाई का काम करने का दावा करती हैं और परिवार का विश्वास जीतने की कोशिश करती हैं। - दूसरा कदम: धमकी और गलत आरोप
अगली बार दूसरी महिला आती है और घर वालों को धमकाने लगती है। वह आरोप लगाती है कि परिवार के सदस्य या घर में मौजूद लोग “गलत काम” कर रहे हैं। इस तरह की निराधार बातें करके घर के सदस्यों को मानसिक रूप से कमजोर बनाने का प्रयास किया जाता है। - तीसरा कदम: पैसों की मांग
जब परिवार के सदस्य डर जाते हैं, तब यह गैंग पैसों की मांग करता है। उन्हें बताया जाता है कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए, तो उन पर झूठे आरोप लगाकर पुलिस में शिकायत कर दी जाएगी या समाज में उनकी बदनामी कर दी जाएगी।
इस गैंग से बचाव के तरीके
- अजनबी लोगों पर जल्दी विश्वास न करें
घर में काम के लिए आने वाले लोगों की पूरी पृष्ठभूमि जांच लें। बिना पहचान पत्र या विश्वसनीयता की पुष्टि किए किसी को भी अपने घर में प्रवेश न दें। - पुलिस में शिकायत दर्ज करें
अगर आपको किसी भी तरह की धमकी मिलती है या आप पर पैसे देने का दबाव बनाया जाता है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क करें। इस तरह के अपराधियों को कानूनी तरीके से सबक सिखाया जा सकता है। - सोशल नेटवर्क का सहारा लें
अपने आसपास के पड़ोसियों और जान-पहचान वालों से इस तरह की घटनाओं के बारे में खुलकर चर्चा करें। सामूहिक रूप से सतर्कता रखने से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
नतीजा
रांची में साफ-सफाई के नाम पर इस तरह की धोखाधड़ी का बढ़ता खतरा समाज के लिए एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। यह जरूरी है कि लोग इस गैंग की चालों से सावधान रहें और जरूरत पड़ने पर कानूनी सहायता लें। जागरूकता और सतर्कता ही इस तरह की धोखाधड़ी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।