झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा करना था, जो राज्य में जल्द ही होने वाले हैं।

इस महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन ऐसे समय में हुआ जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को एक बड़ा झटका लगा है। कुछ ही दिनों पहले, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, जो जेएमएम के वरिष्ठ नेता थे, ने पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया। उन्होंने पार्टी के कामकाज और निर्णय लेने की प्रक्रिया से असंतोष जताते हुए, पार्टी नेतृत्व पर अपमानजनक व्यवहार का आरोप लगाया था। इस घटनाक्रम ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है।

मंगलवार की बैठक में हेमंत सोरेन, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ-साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल और हेमंत सोरेन की पत्नी, कल्पना सोरेन भी शामिल थीं। हालाँकि, हेमंत सोरेन ने इस बैठक को एक शिष्टाचार मुलाकात बताया, लेकिन समझा जाता है कि आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

चंपई सोरेन के पार्टी छोड़ने से पहले, उन्हें 2 फरवरी को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था, जब हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, 3 जुलाई को चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे 4 जुलाई को जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री का पदभार संभाल लिया।

कांग्रेस और जेएमएम ने राज्य में गठबंधन सरकार बनाई है, और आगामी चुनावों में दोनों दलों के बीच सहयोग और तालमेल की आवश्यकता है। इस बैठक को इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे गठबंधन को मजबूत करने और आगामी चुनावों में एक साथ काम करने की रणनीति बनाई जा सके।

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