बिहार में इन दिनों भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। नेपाल में हो रही लगातार बारिश का असर बिहार की नदियों पर भी पड़ रहा है, खासकर गंडक और कोसी नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। इस कारण से उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
नेपाल की बारिश का असर
नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश का सीधा प्रभाव बिहार की सीमावर्ती नदियों पर पड़ रहा है। गंडक और कोसी जैसी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे इन नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। खासकर पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, शिवहर, सीतामढ़ी, अररिया, सुपौल और किशनगंज जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। इन जिलों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो भारी वर्षा और संभावित बाढ़ की स्थिति को दर्शाता है।
20 जिलों में बाढ़ का अलर्ट
बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य के 20 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। इनमें मुख्य रूप से उत्तर बिहार के जिले शामिल हैं। सरकार ने बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए राजधानी पटना में एक वॉर रूम स्थापित किया है, जहां से नदियों के जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है। गंडक और कोसी नदियों के साथ-साथ अन्य छोटी नदियों का भी ध्यान रखा जा रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तत्परता से कार्रवाई की जा सके।
चक्रवात का प्रभाव
बिहार में भारी बारिश का एक और कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बनने वाला चक्रवात है। इस चक्रवात का प्रभाव राज्य के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर पटना और उसके आसपास के इलाकों में देखा जा रहा है। शनिवार से ही राज्य में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जो रविवार तक जारी रही। इस बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है और बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो रही है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए बिहार के कई हिस्सों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। रविवार को पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, और सुपौल जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। हालांकि, सोमवार से मौसम में कुछ हद तक बदलाव की संभावना जताई जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सोमवार से तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है और बारिश की तीव्रता में कमी आ सकती है।
हालांकि, नदियों का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे बाढ़ का खतरा लगातार बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है।
प्रशासन की तैयारियां
बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने विभिन्न इलाकों में बचाव और राहत कार्य तेज कर दिए हैं। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सरकार की तरफ से राहत सामग्री, खाद्य पैकेट, और जरूरी सामान की आपूर्ति की जा रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी तैनात किया गया है, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य कर रही हैं।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। नदी के किनारे बसे इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष
बिहार में भारी बारिश और नेपाल की बाढ़ का असर स्पष्ट रूप से दिख रहा है। हालांकि, सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से मुस्तैद हैं और बाढ़ से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मौसम में कुछ सुधार की उम्मीद है, लेकिन नदियों का जलस्तर अभी भी गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। जनता को सतर्क रहना आवश्यक है और प्रशासन द्वारा जारी की गई सलाहों का पालन करना चाहिए, ताकि इस प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।