रांची। राजधानी रांची के बूटी मोड़ इलाके में शुक्रवार को झारखंड एटीएस और सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम ने संयुक्त रूप से एक कपड़े की दुकान में छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान दुकान से सेना की नकली वर्दियां और युद्ध में प्रयुक्त होने वाली सैन्य यूनिफॉर्म जैसी सामग्री बरामद की गई। प्राथमिक पूछताछ के बाद दुकानदार को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।

लखनऊ से मिली खुफिया जानकारी पर की गई कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, यह छापा भारतीय सेना की लखनऊ यूनिट द्वारा दी गई गुप्त सूचना के आधार पर मारा गया। सूचना थी कि दुकान में सेना की वर्दी जैसी सामग्री खुलेआम बेची जा रही है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मामला है।

पूछताछ के बाद छोड़ा गया, जांच जारी

सदर थाना प्रभारी ने देर शाम जानकारी दी कि दुकानदार से जरूरी पूछताछ की गई और उसे पीआर बॉन्ड पर छोड़ा गया है। हालांकि, जब भी आवश्यकता होगी, उसे फिर से उपस्थित होना पड़ेगा। बरामद सामग्री की जांच विशेष एजेंसियां करेंगी ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वर्दी किस उद्देश्य से बेची जा रही थी और इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं।

सेना ने जताई सुरक्षा पर चिंता

सेना का मानना है कि आम बाजार में इस तरह की सैन्य वर्दियों की उपलब्धता गंभीर चिंता का विषय है। इनका दुरुपयोग आतंकी या राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा किया जा सकता है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों द्वारा सेना की वर्दी पहनकर पर्यटकों पर हमला करने की घटना ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है।

झारखंड पुलिस का सख्त रुख

एसएसपी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड को अब भी संवेदनशील और नक्सल प्रभावित राज्य के रूप में देखा जाता है। राज्य में पहले से ही सिविलियनों द्वारा फोर्स की वर्दी पहनने पर रोक है। यदि कोई व्यक्ति इस निर्देश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वर्दी खरीदने के लिए अब पहचान पत्र अनिवार्य

अब राज्य भर में सेना, पुलिस, सीआरपीएफ और अर्धसैनिक बलों की वर्दी लेने के लिए पहचान पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है। दुकानदारों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना वैध पहचान के कोई भी वर्दी न बेची जाए।

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