रांची
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच देशभर में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी कड़ी में झारखंड सरकार ने राज्य में सिविल डिफेंस एडवाइजरी कमेटी के गठन की दिशा में बड़ा निर्णय लिया है। यह कमेटी राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को मजबूती देने के साथ-साथ आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यापक रणनीति तैयार करेगी।
क्यों बनी सिविल डिफेंस कमेटी की ज़रूरत?
भारत-पाक सीमा पर लगातार हो रही घटनाओं और आंतरिक सुरक्षा के बदलते परिदृश्य के मद्देनज़र सिविल डिफेंस की भूमिका और अधिक अहम हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में सभी राज्यों को खतरे के स्तर का पुनर्मूल्यांकन करने और नागरिक सुरक्षा उपायों को सशक्त करने का निर्देश दिया है। इसके बाद झारखंड सरकार ने भी सक्रिय पहल करते हुए एडवाइजरी कमेटी के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कौन होगा अध्यक्ष?
राज्य स्तर पर यह कमेटी संभवतः मुख्यमंत्री (जो वर्तमान में राज्य के गृह मंत्री का कार्यभार भी संभाल रहे हैं) या मुख्य सचिव की अध्यक्षता में काम करेगी। केंद्र सरकार में यह जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री संभालते हैं। इसी मॉडल को राज्य स्तर पर लागू किया जाएगा।
किन जिलों को प्राथमिकता?
फिलहाल राज्य में सिर्फ जमशेदपुर और बोकारो में सिविल डिफेंस कार्यालय हैं, लेकिन साहिबगंज, धनबाद, देवघर और बोकारो जैसे जिलों को रणनीतिक दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। साहिबगंज में अंतरराष्ट्रीय जलपत्तन है और देवघर एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करना आवश्यक हो गया है।
गृह मंत्रालय की चेतावनी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के पत्र के अनुसार देश के 244 जिलों को सिविल डिफेंस श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन खतरों के बदलते स्वरूप के चलते अब गैर-अधिसूचित जिलों में भी सिविल डिफेंस अभ्यास की आवश्यकता महसूस की जा रही है। मंत्रालय ने जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा है—
- कैटेगरी-1: अत्यधिक जोखिम वाले जिले
- कैटेगरी-2: मध्यम जोखिम वाले जिले
- कैटेगरी-3: न्यूनतम जोखिम वाले जिले
झारखंड के 6 शहरों में मॉक ड्रिल
हाल ही में राज्य के रांची, बोकारो, गोमिया, जमशेदपुर, गोड्डा और साहिबगंज में मॉक ड्रिल कर सिविल डिफेंस की तैयारियों का परीक्षण किया गया। इन अभियासों की निगरानी के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजेश कुमार शर्मा को सिविल डिफेंस कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
आगे की रणनीति
एडवाइजरी कमेटी के गठन के बाद राज्य के प्रत्येक ज़िले के लिए एक सिविल डिफेंस प्लान तैयार किया जाएगा। इसके तहत नागरिकों को आपात स्थितियों में जागरूक करने, राहत और बचाव कार्यों में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने, तथा प्रशासनिक दक्षता को मजबूत बनाने का काम किया जाएगा।