झारखंड में कुष्ठ रोगियों को पौष्टिक आहार के लिए हर महीने 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह योजना स्वास्थ्य विभाग की पहल और केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद शुरू की गई है, जिससे झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां कुष्ठ रोगियों को इस तरह की आर्थिक सहायता दी जा रही है। सरकार अब राज्यभर में घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की तलाश कर रही है, ताकि अधिक से अधिक मरीजों को इस योजना का लाभ मिल सके।
4000 मरीजों से शुरुआत, 8000 तक विस्तार की योजना
सरकार ने पहले चरण में 4000 कुष्ठ रोगियों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा है, जबकि 2025 तक इसे 8000 मरीजों तक विस्तारित किया जाएगा।
योजना के तहत:
• पुराने मरीजों को 12 महीने तक, और
• नए मरीजों को छह महीने तक यह सहायता मिलेगी।
इसके अलावा, कुष्ठ रोगियों के इलाज के लिए मल्टी ड्रग थेरेपी (MDT) नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। यह पहल राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (NLEP) के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य में कुष्ठ रोग को कम करना, विकलांगता रोकना और जागरूकता बढ़ाना है।
कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए घर-घर अभियान
झारखंड सरकार ने 30 जनवरी से 14 फरवरी तक ‘स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान’ और ‘कुष्ठ रोग खोज अभियान’ शुरू किया है।
• यह अभियान 13,500 गांवों में चलाया जा रहा है, जहां पिछले 5-7 वर्षों में कुष्ठ रोग के मामले सामने आए थे।
• प्रत्येक खोजी दल में एक सहिया कार्यकर्ता और एक पुरुष स्वैच्छिक कार्यकर्ता शामिल हैं, जो घर-घर जाकर त्वचा जांच कर संभावित मरीजों की सूची तैयार कर रहे हैं।
• हर पांच खोजी दलों पर एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
• अभियान में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग भी सहयोग कर रहा है।
रजिस्ट्रेशन के साथ ही मिलेगा पोषण भत्ता
• यदि किसी मरीज में कुष्ठ रोग की पुष्टि होती है, तो एचएससी, पीएचसी और सीएचसी स्तर पर उसका निबंधन किया जाएगा।
• रजिस्ट्रेशन के तुरंत बाद मरीज को पोषण राशि मिलनी शुरू हो जाएगी।
• मरीज का बैंक खाता विवरण भी दर्ज किया जाएगा, ताकि हर महीने 500 रुपये सीधे खाते में भेजे जा सकें।
• यदि किसी कारणवश राशि का भुगतान नहीं हो पाता है, तो अगले महीने दो माह की राशि एक साथ दी जाएगी।
सरकार का लक्ष्य – कुष्ठ रोग उन्मूलन
झारखंड सरकार इस योजना के माध्यम से राज्य में कुष्ठ रोग को नियंत्रित करने और मरीजों को आर्थिक एवं पोषण सहायता प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है। कुष्ठ रोग से जुड़ी सामाजिक भ्रांतियों को दूर करने और समय पर इलाज सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।