रांची: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने रांची स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस उद्यान में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नेताजी के जीवन और उनके योगदान को याद करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प दोहराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रभावशाली और प्रेरणादायक नेताओं में से एक थे। उनकी दूरदर्शिता, अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प ने लाखों भारतीयों को आजादी की लड़ाई में प्रेरित किया। उनके विचार और बलिदान हमें हमेशा देश के प्रति समर्पण का पाठ पढ़ाते रहेंगे।”
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य नागरिक और छात्र भी उपस्थित थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए बड़ी संख्या में लोग उद्यान में एकत्र हुए।
नेताजी के विचारों को अपनाने का संदेश
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में युवाओं से अपील की कि वे नेताजी के संघर्ष और विचारों से प्रेरणा लें। उन्होंने कहा कि नेताजी ने “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” जैसे नारों से न केवल आजादी की लड़ाई को एक नई दिशा दी, बल्कि भारतीय युवाओं में अदम्य साहस और आत्मनिर्भरता का भाव भी जगाया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन:
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) की स्थापना की और “जय हिंद” का नारा दिया, जो आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
कार्यक्रम में नेताजी के संघर्ष को प्रदर्शित करने वाली तस्वीरों और उनके जीवन से जुड़े प्रसंगों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना की और कहा कि यह नई पीढ़ी के लिए नेताजी के जीवन और उनकी विरासत को समझने का एक शानदार अवसर है।
झारखंड में नेताजी के सम्मान में कई कार्यक्रम
राज्य भर में नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। विभिन्न संगठनों और संस्थानों ने नेताजी की विचारधारा पर संगोष्ठियों और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अंत में कहा कि नेताजी के आदर्शों पर चलकर ही हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकते हैं। उनके बलिदान और संघर्ष को नमन करते हुए हमें देश की सेवा के प्रति समर्पित रहना चाहिए।