रांची – झारखंड की राजधानी में अपराधियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए रांची पुलिस ने बीती रात 121 फरार आरोपियों को धर दबोचा। एक सधी हुई रणनीति के तहत पुलिस की 60 टीमों ने 181 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर ये गिरफ्तारी की। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, अवैध खनन, और नक्सल गतिविधियों में शामिल अपराधी भी शामिल हैं।
यह मेगा ऑपरेशन गुरुवार देर रात शुरू हुआ, जब रांची जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वारंट तामील अभियान (Warrant Execution Drive) के तहत पुलिस की 25 थानों और ओपी की संयुक्त टीमें अलग-अलग इलाकों में सक्रिय हुईं। शुक्रवार सुबह तक सभी आरोपियों को पकड़कर कांके रोड स्थित न्यू पुलिस लाइन में इकट्ठा किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में होटवार जेल भेज दिया गया।
22 को मिला अस्थायी राहत, शेष भेजे गए जेल
इन गिरफ्तारियों में से 22 लोगों को बेल ऑर्डर प्रस्तुत करने के बाद अस्थायी रूप से रिहा किया गया, जबकि शेष दर्जनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। इनमे कई आरोपी ऐसे थे जो लंबे समय से फरार थे और पुलिस की पकड़ से दूर चल रहे थे।
नक्सली भी चढ़े पुलिस के हत्थे
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए वांछितों में तीन ऐसे भी हैं जो बुंडू, नगड़ी और लापुंग थाना क्षेत्र में घटित नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं। इनकी लंबे समय से तलाश की जा रही थी।
अपराध की व्यापकता – मामूली से संगीन तक
गिरफ्तार आरोपियों पर दर्ज मामलों में चेक बाउंस, ठगी, धोखाधड़ी, रंगदारी, महिला उत्पीड़न, चोरी, मारपीट, डकैती, हत्या की कोशिश और अपहरण जैसे अपराध शामिल हैं। ये आरोपी जमानत मिलने के बाद भी कोर्ट की पेशियों से बचते रहे और लंबे समय से फरार चल रहे थे।
पुलिस की रणनीति और तैयारी
इस पूरे अभियान के लिए रांची पुलिस ने विशेष रणनीति तैयार की थी। 60 टीमें बनाई गईं और उनके लिए संभावित ठिकानों की पहचान की गई। फिर योजनाबद्ध तरीके से 181 जगहों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिससे बड़ी संख्या में गिरफ्तारी संभव हो सकी।
निष्कर्ष
इस बड़ी कार्रवाई से रांची पुलिस ने यह साफ संदेश दिया है कि फरार अपराधियों को अब किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। एक ही रात में 121 आरोपियों की गिरफ्तारी न सिर्फ पुलिस की सक्रियता का उदाहरण है बल्कि आने वाले समय में अपराधियों के मन में कानून का खौफ पैदा करने की दिशा में भी एक ठोस कदम है।