54 लाख से अधिक महिलाओं को अप्रैल और मई की संयुक्त किस्त मिलेगी, विभाग ने सभी जिलों को भेजे निर्देश

रांची: झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों के लिए एक अहम अपडेट सामने आया है। योजना के तहत महिलाओं के बैंक खातों में 15 मई को 5000 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। यह भुगतान अप्रैल और मई महीने की दो किस्तों को मिलाकर किया जा रहा है, क्योंकि अप्रैल माह का भुगतान लंबित था।

सरकार की ओर से इस योजना के तहत हर महिला लाभुक को प्रति माह 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस बार दो महीनों की राशि एक साथ भेजी जा रही है।

विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखकर भुगतान की प्रक्रिया समय पर सुनिश्चित करने को कहा है। विभागीय सचिव मनोज कुमार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि हर माह की 15 तारीख तक राशि का भुगतान पूरा कर लिया जाए।

बजटीय व्यवस्था

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने मंईयां सम्मान योजना के संचालन हेतु कुल 1.33 लाख करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी है। इसके तहत सभी 24 जिलों के लिए अभी तक करीब 96 अरब रुपये का आवंटन किया जा चुका है। योजना के लिए फंड तीन श्रेणियों में वितरित किया गया है:

  • जनजातीय उपयोजना (TSP): 38.97 अरब रुपये
  • अन्य क्षेत्रीय उपयोजना (OSP): 44.67 अरब रुपये
  • अनुसूचित जाति घटक योजना (SCSP): 12.45 अरब रुपये

जिला स्तर पर देखें तो गिरिडीह को सबसे अधिक 2.82 अरब रुपये और रांची को 2.58 अरब रुपये आवंटित किए गए हैं।

योजना का दायरा और लाभार्थी

इस योजना की शुरुआत वर्ष 2021 में 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धजनों के लिए की गई थी। मार्च 2023 में इसमें बदलाव करते हुए 50 वर्ष से अधिक उम्र की अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को भी शामिल किया गया। मौजूदा समय में योजना से करीब 38 लाख महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।

सर्वजन पेंशन योजना को भी मिला बजट

इसके अलावा, सर्वजन पेंशन योजना के तहत भी विभाग ने 36.72 अरब रुपये की राशि विभिन्न जिला कार्यालयों को आवंटित की है। इसके लिए विभाग ने कुल 38.50 अरब रुपये की स्वीकृति दी है। पेंशनधारियों को हर माह की 5 तारीख तक भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

निष्कर्ष

राज्य सरकार की इस पहल का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा के दायरे को विस्तार देना है, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। लाभुकों तक समय पर भुगतान पहुंचे, इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर निगरानी और पारदर्शिता जरूरी होगी। योजना का असर जमीनी स्तर पर कितना मजबूत है, यह इसकी क्रियान्वयन प्रक्रिया से तय होगा।

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