झारखंड में युवाओं को स्वरोजगार और कौशल विकास के नए अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार जल्द ही ‘कर्मयोगी जोहार पोर्टल’ की शुरुआत करने जा रही है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रशिक्षक, कामगार, नियोक्ता और उपभोक्ता एक ही मंच पर आपस में जुड़ सकेंगे। विशेष रूप से महिलाओं के लिए टेलरिंग, जिम-स्वीमिंग ट्रेनर और कुकिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण की योजनाएं तैयार की गई हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
मोबाइल मिस कॉल से होगा रजिस्ट्रेशन
राज्य युवा आयोग द्वारा तैयार की गई इस योजना के अंतर्गत इच्छुक युवा सिर्फ एक मोबाइल मिस कॉल के माध्यम से पोर्टल पर पंजीकरण करा सकेंगे। इसके बाद उनका वेरिफिकेशन किया जाएगा और फिर आवश्यकतानुसार कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। युवाओं को पोर्टल पर सेवा शुल्क, भुगतान दर, कार्य की शर्तों जैसी सभी जानकारियाँ डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगी।
ग्रामीण युवाओं के लिए ‘जोहार योजना’
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को ध्यान में रखते हुए ‘ग्रामीण युवा जोहार योजना’ की भी शुरुआत की जा रही है। इसमें कृषि, उद्यानिकी और ग्रामीण विकास से संबंधित क्षेत्रों में रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाएगा। योजना का लक्ष्य 20 से 45 वर्ष आयु वर्ग के 25,000 युवाओं को पांच दिवसीय प्रशिक्षण देना है। इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले युवाओं को स्थानीय ग्राम पंचायत, वार्ड सदस्य, मुखिया या आंगनबाड़ी सेविका से अनुमोदन कराना अनिवार्य होगा। पात्रता के रूप में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं कक्षा या समकक्ष तय की गई है।
नशा मुक्ति के लिए जन आंदोलन
युवा शक्ति को सही दिशा में प्रेरित करने के लिए राज्य में नशा मुक्ति अभियान भी चलाया जाएगा। यह अभियान स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से संचालित होगा, जिनका चयन राज्य युवा आयोग करेगा। इसके संचालन के लिए पीएमयू (Project Management Unit) और कॉल सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे, जिससे युवाओं को निरंतर मार्गदर्शन और सलाह मिलती रहे।
राज्य को मिलेगा सक्षम मानव संसाधन
इस पहल से न केवल राज्य के युवाओं को सम्मानजनक रोजगार मिलेगा, बल्कि झारखंड को एक सशक्त और कुशल कार्यबल भी प्राप्त होगा। सरकार का मानना है कि इस तरह की योजनाओं से सामाजिक कुरीतियों और स्वास्थ्य समस्याओं में भी कमी आएगी, जिससे राज्य की उत्पादकता बढ़ेगी और प्रति व्यक्ति आय में भी सकारात्मक वृद्धि होगी।
राज्य युवा आयोग के अनुसार, योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सरकार से बजट आवंटन की मांग की गई है। जैसे ही राशि स्वीकृत होगी, सभी योजनाएं चरणबद्ध तरीके से धरातल पर उतरेंगी।
यह डिजिटल पहल झारखंड के युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम देने वाली साबित हो सकती है।