झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है। शनिवार, 9 नवंबर 2024 की सुबह से यह छापेमारी शुरू हुई है, जो राज्य के कई स्थानों पर हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग की टीम ने रांची और जमशेदपुर समेत कुल नौ स्थानों पर छापेमारी की है।
इस अभियान में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सलाहकार सुनील श्रीवास्तव के निवास और उनसे जुड़े ठिकानों को भी शामिल किया गया है। यह छापेमारी मुख्यमंत्री के निजी सचिव सुनील श्रीवास्तव के रांची स्थित आवास पर चल रही है, जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की सुरक्षा टीम भी आई-टी टीमों के साथ मौजूद है।
छापेमारी का संदर्भ
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा राज्य में कथित अवैध शराब व्यापार और खनन गतिविधियों के सिलसिले में शुरू की गई जांच से जुड़ी हुई है। इन गतिविधियों में वित्तीय अनियमितताओं और कर चोरी के संदेह के कारण आयकर विभाग ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर यह कार्रवाई शुरू की है।
राजनीतिक परिदृश्य
राज्य में यह छापेमारी ऐसे समय पर हो रही है जब झारखंड विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव होने वाले हैं। राज्य में चुनाव का पहला चरण 13 नवंबर और दूसरा चरण 20 नवंबर को होने वाला है। इस छापेमारी को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और यह माना जा रहा है कि यह कार्रवाई चुनावी माहौल पर असर डाल सकती है।
छापेमारी का महत्व
झारखंड में लंबे समय से अवैध खनन और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव का माहौल रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कई बार विपक्षी पार्टियां सवाल उठाती रही हैं। अब, मुख्यमंत्री के सहयोगी पर हुई इस छापेमारी ने एक बार फिर इन मुद्दों को चर्चा में ला दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस जांच के दौरान और क्या-क्या खुलासे होते हैं और इस पर राज्य की जनता और राजनीतिक दलों का क्या रुख रहता है।
इस छापेमारी के दौरान यदि किसी बड़े घोटाले का खुलासा होता है, तो यह राज्य के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। आने वाले चुनाव के मद्देनजर यह कार्रवाई विपक्ष के लिए एक नया मुद्दा प्रदान कर सकती है और राज्य की राजनीतिक स्थिति में अस्थिरता का कारण बन सकती है।