पूर्वी सिंहभूम जिले में राशन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ा बदलाव हुआ है, जिसके तहत पिछले तीन महीनों में करीब दो हजार राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप लगभग आठ हजार लाभुकों के नाम इन कार्डों से कट गए हैं। यह कार्रवाई राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत किए गए कार्डों पर आधारित है, जिसमें अधिकांश कार्ड शहरी क्षेत्रों से संबंधित हैं। इस कदम ने जिला प्रशासन की निगरानी और समीक्षा प्रक्रिया को उजागर किया है, जिससे इन कटौती की वजहें स्पष्ट हो रही हैं।

राशन कार्ड रद्द करने का कारण

बीते कुछ महीनों में, राज्य स्तर पर संचालित आहार पोर्टल के माध्यम से यह जानकारी सामने आई कि कई लाभुकों ने लगातार छह महीने तक राशन नहीं उठाया। इसके बाद, उपायुक्त द्वारा आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक में ऐसे लाभुकों के नाम हटाने का निर्देश दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि जो लोग राशन नहीं उठा रहे हैं, वे या तो फर्जी लाभार्थी हो सकते हैं, या फिर उन्होंने आयुष्मान भारत योजना का कार्ड स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बनाया था, न कि राशन प्राप्त करने के लिए।

राशन कार्ड धारकों की संख्या में गिरावट

इस कार्रवाई के बाद पीएच और अंत्योदय श्रेणी में लाभ लेने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। पहले इन कार्डों में 16 लाख 61 हजार से अधिक लाभार्थी थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 16 लाख 54 हजार से भी कम हो गई है। इन घटे हुए लाभार्थियों की जगह अब ग्रीन कार्ड धारकों को प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रीन कार्ड धारकों को राशन वितरण के तहत वरीयता दी जाएगी और उनका कार्ड पीएच श्रेणी में परिवर्तित कर दिया जाएगा।

ग्रीन कार्ड धारकों को मिलेगा लाभ

राशन कार्ड में हुए इस बदलाव के परिणामस्वरूप ग्रीन कार्ड धारकों को बड़ा फायदा होगा। जिन लाभार्थियों का नाम काटा गया है, उनकी जगह ग्रीन कार्ड धारकों को प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रीन कार्ड धारक अब पीएच श्रेणी में शामिल होंगे, जिससे उन्हें अतिरिक्त खाद्यान्न जैसे गेहूं, नमक, दाल आदि मिलेंगे। इससे पहले, पीएच श्रेणी के लाभार्थियों को सिर्फ पांच किलो चावल प्रति माह मिलता था, लेकिन अब उन्हें अन्य खाद्यान्न भी मिलने की संभावना है।

आगे की दिशा और बदलाव की आवश्यकता

हालांकि प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कदम वास्तविक जरूरतमंदों को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया है, फिर भी इस प्रक्रिया से जुड़े कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। क्या यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि नए लाभार्थी पूरी तरह से पात्र हों? क्या यह कदम वास्तविक पात्रों को राशन प्राप्त करने से नहीं रोक रहा? इसके अलावा, क्या इस प्रक्रिया में कोई सुधार की आवश्यकता है, जिससे फर्जी लाभार्थियों का पता लगाना और उनकी पहचान करना आसान हो सके?

निष्कर्ष

पूर्वी सिंहभूम जिले में राशन कार्डों के रद्द होने से जुड़े इस मामले में प्रशासन का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत वास्तविक जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना है। हालांकि, इस प्रक्रिया में कटौती के कारण कुछ परिवारों के लिए कठिनाइयाँ आ सकती हैं, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सिस्टम में कोई धोखाधड़ी न हो। ग्रीन कार्ड धारकों को पीएच श्रेणी में शामिल करने से राशन वितरण में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

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