भारत सरकार ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, करदाताओं को राहत देने और विभिन्न क्षेत्रों के विकास को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं। इस बजट का विशेष ध्यान कृषि, विज्ञान, अनुसंधान, निर्यात संवर्धन और कर सुधार पर केंद्रित रहा। आइए विस्तार से जानते हैं बजट 2025 के प्रमुख बिंदु।

कर सुधार और राहत

इस बार के बजट में करदाताओं को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:

आयकर सीमा में राहत: नई कर व्यवस्था के तहत ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जिससे मध्यम वर्ग को बड़ा लाभ मिलेगा।

टीडीएस में संशोधन: वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है, जिससे उनकी कर देनदारी कम होगी।

किराये पर टीडीएस: किराये की आय पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की वार्षिक सीमा ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई है।

इन कर सुधारों से आम जनता को वित्तीय राहत मिलने की उम्मीद है।

कृषि क्षेत्र के लिए नई पहल

सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई नई योजनाएँ शुरू की हैं:

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: इस योजना के तहत 100 जिलों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई पहलें शुरू की जाएंगी, जिससे करीब 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) सुविधा: 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को ₹5 लाख तक का कर्ज सुलभ कराया जाएगा, जिससे उन्हें वित्तीय सहायता मिलेगी।

दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता: सरकार ने तूर, उड़द और मसूर जैसी दालों की खेती को बढ़ावा देने के लिए 6 वर्षीय मिशन की घोषणा की है।

बिहार में मखाना बोर्ड: बिहार में मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

इन योजनाओं से कृषि क्षेत्र को नई मजबूती मिलेगी और किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।

विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार में निवेश

सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए बजट में बड़े आवंटन किए हैं:

अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा: निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान, विकास और नवाचार पहल को लागू करने के लिए ₹20,000 करोड़ का फंड आवंटित किया गया है।

प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप: IIT और IISc जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में 10,000 अनुसंधान फेलोशिप प्रदान की जाएंगी, जिससे युवाओं को उच्च शिक्षा और अनुसंधान का अवसर मिलेगा।

नए जीन बैंक की स्थापना: भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा।

इन पहलों से भारत विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत होगा।

निर्यात और व्यापार को बढ़ावा

बजट 2025 में सरकार ने निर्यात और व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

इलेक्ट्रॉनिक्स और ईवी सेक्टर को बढ़ावा: LED/LCD टीवी के लिए ओपन सेल, वस्त्रों के लिए करघे, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) के लिए लिथियम-आयन बैटरियों पर छूट प्रदान की गई है।

एमआरओ (मरम्मत और रखरखाव) सुविधाओं में सुधार: जहाज निर्माण और मरम्मत उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 10 वर्षों तक विशेष छूट दी जाएगी।

व्यापार सुगमता: व्यापार के नियमों को सरल बनाया गया है, जिससे निर्यातकों को त्वरित क्लीयरेंस और कम जटिल प्रक्रियाओं का लाभ मिलेगा।

इन सुधारों से व्यापारिक माहौल बेहतर होगा और भारत के निर्यात उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

निष्कर्ष

बजट 2025 विकास, नवाचार और आर्थिक सुधारों का संतुलित मिश्रण है। इसमें करदाताओं को राहत देने, कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने, विज्ञान एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने और निर्यात उद्योग को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। यदि ये योजनाएँ प्रभावी रूप से लागू होती हैं, तो आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था और तेज़ी से विकसित होगी और विभिन्न वर्गों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

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