नई दिल्ली। वित्त मंत्री ने संसद में केंद्रीय बजट 2025 पेश किया, जिसमें सरकार ने आर्थिक विकास को गति देने, महंगाई पर नियंत्रण, बुनियादी ढांचे के विकास, रोजगार सृजन और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी है। इस बजट में किसानों, मध्यम वर्ग, व्यापारियों, उद्यमियों और उद्योग जगत के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और सरकार आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। बजट में कर सुधारों से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल इंडिया और पर्यावरण संरक्षण तक विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई नई योजनाएं लाई गई हैं।
1. टैक्स में क्या हुआ बदलाव?
इस बार आम करदाताओं को आयकर में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने मौजूदा आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि, कर प्रणाली को सरल बनाने और करदाताओं को राहत देने के लिए कुछ विशेष उपाय किए गए हैं।
आयकर से जुड़ी मुख्य घोषणाएं:
• करदाताओं की सुविधा के लिए आईटीआर फाइलिंग प्रक्रिया को और सरल किया जाएगा।
• पुरानी कर प्रणाली और नई कर प्रणाली दोनों को जारी रखा गया है, लेकिन नई कर प्रणाली को ज्यादा आकर्षक बनाने की कोशिश की गई है।
• स्टार्टअप्स और छोटे व्यापारियों के लिए कर छूट की अवधि को बढ़ाया गया है।
• वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर बचत योजनाओं में नए विकल्प जोड़े गए हैं।
क्या हुआ सस्ता और क्या हुआ महंगा?
सस्ता हुआ:
• घरेलू गैस सिलेंडर
• इलेक्ट्रॉनिक्स (कुछ घटकों पर कस्टम ड्यूटी कम की गई)
• एलईडी बल्ब और सौर ऊर्जा उपकरण
महंगा हुआ:
• मोबाइल, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स (कुछ आयातित वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई)
• तंबाकू उत्पाद
• लग्जरी कारें और ज्वेलरी
2. कृषि और ग्रामीण विकास पर बड़ा ऐलान
सरकार ने किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए बजट में विशेष ध्यान दिया है। इस साल कृषि क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है।
कृषि क्षेत्र के लिए प्रमुख घोषणाएं:
• एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में वृद्धि – सरकार ने प्रमुख फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
• प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सुधार – किसानों को सालाना दी जाने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाया गया है।
• सिंचाई योजनाओं के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है, जिससे जल संकट झेल रहे इलाकों में राहत मिलेगी।
• फसल बीमा योजना को और व्यापक बनाया गया है, जिससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
• ग्रामीण सड़कों और कनेक्टिविटी पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे किसानों को बाजार तक पहुंचने में आसानी होगी।
3. बुनियादी ढांचा और रोजगार सृजन
बुनियादी ढांचे के विकास से रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस बार रेलवे, सड़क, एयरपोर्ट, मेट्रो और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश किया है।
प्रमुख घोषणाएं:
• राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
• रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए नई परियोजनाएं लाई जाएंगी, जिसमें नई बुलेट ट्रेन परियोजना भी शामिल है।
• मेट्रो और हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं को गति देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया गया है।
• ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए रक्षा और ऑटोमोबाइल सेक्टर में स्थानीय उत्पादन पर जोर दिया गया है।
• रोजगार सृजन के लिए नई योजनाएं लाई गई हैं, जिससे युवाओं को नए अवसर मिल सकें।
4. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या बदला?
कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस बजट में अस्पतालों, मेडिकल रिसर्च और डिजिटल हेल्थकेयर पर जोर दिया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रमुख घोषणाएं:
• 50 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, जिससे चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
• आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं का दायरा बढ़ाया जाएगा।
• जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जा सकें।
• डिजिटल हेल्थ मिशन को आगे बढ़ाने के लिए नए कदम उठाए गए हैं।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार:
• स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए विशेष फंड आवंटित किया गया है।
• गांवों में स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए अतिरिक्त राशि दी गई है।
• नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत स्कूली शिक्षा को और प्रभावी बनाने की योजना बनाई गई है।
5. स्टार्टअप्स और डिजिटल इंडिया को प्रोत्साहन
स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई योजनाओं की घोषणा की है।
• स्टार्टअप्स को टैक्स में छूट की अवधि बढ़ाई गई है।
• डिजिटल भुगतान और फिनटेक कंपनियों को सरकार का समर्थन मिलेगा।
• साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षण के लिए विशेष फंड आवंटित किया गया है।
6. विपक्ष की प्रतिक्रिया
बजट के तुरंत बाद विपक्षी दलों ने इसे “जनता के साथ छलावा” बताया। उनका कहना है कि इस बजट में महंगाई को कम करने और बेरोजगारी को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
कांग्रेस ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह बजट उद्योगपतियों के लिए फायदेमंद है, लेकिन आम आदमी को कोई बड़ी राहत नहीं मिली।” वहीं, अन्य विपक्षी दलों ने सरकार से महंगाई पर नियंत्रण के लिए और अधिक उपाय करने की मांग की है।
7. सरकार का दावा
सरकार का कहना है कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेगा और देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की ओर ले जाने में मदद करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि “हमारा बजट दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जिससे हर वर्ग को फायदा होगा।”
निष्कर्ष
केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने बुनियादी ढांचे, किसानों और उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन मध्यम वर्ग के लिए कोई बड़ी कर राहत नहीं दी गई। यह बजट विकासोन्मुखी है, लेकिन इसके प्रभाव का आकलन आने वाले महीनों में ही हो सकेगा। अब देखना यह होगा कि ये नीतियां जमीनी स्तर पर कैसे असर डालती हैं।