झारखंड में आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) से जुड़े मॉड्यूल के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। धनबाद से गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की जांच के दौरान यह सामने आया है कि इस पूरे नेटवर्क की मास्टरमाइंड एक महिला — शबनम परवीन — थी, जो संगठन को न सिर्फ नेतृत्व दे रही थी, बल्कि नई भर्ती, विचारधारा का प्रचार और हथियारों की आपूर्ति तक में सक्रिय भूमिका निभा रही थी।

महिला के हाथ में था झारखंड मॉड्यूल का संचालन

धनबाद के वासेपुर और अन्य इलाकों से गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में शामिल शबनम परवीन न सिर्फ आयान जावेद की पत्नी है, बल्कि वह ही झारखंड में हिज्ब-उत-तहरीर की प्रमुख संचालक भी थी। प्रारंभिक जांच में उसे केवल संदिग्ध माना जा रहा था, लेकिन जब एटीएस ने उसका मोबाइल खंगाला, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

मोबाइल से मिले आपत्तिजनक संदेश और तस्वीरें

शबनम के फोन से प्राप्त जानकारी से पता चला है कि वह अपने आसपास के युवाओं को जिहादी विचारधारा की ओर उकसाने का काम कर रही थी। फोन में देश विरोधी संदेश, कट्टरपंथी सामग्री और हिंसा को बढ़ावा देने वाली तस्वीरें मिली हैं। इनमें सिर कटी लाशों और निर्ममता से हत्या के दृश्य जैसी आपत्तिजनक सामग्री शामिल है।

गिरफ्तारी से पहले पहुंचा हथियार, विदेशी लिंक की जांच

एटीएस को यह भी पता चला है कि गिरफ्तारी से ठीक दो दिन पहले आयान जावेद के पास एक पिस्टल पहुंचाई गई थी, जिस पर ‘USA मेड’ लिखा हुआ था। यह संकेत देता है कि इस मॉड्यूल का विदेश से भी कोई संबंध हो सकता है। अब जांच एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि हथियार अमेरिका से आयातित हैं या भारत में बने विदेशी ब्रांड की नकल हैं।

छापेमारी में गिरफ्तार चार संदिग्ध

बीते शनिवार को झारखंड एटीएस ने धनबाद के विभिन्न क्षेत्रों से कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया था — गुलफाम हसन, आयान जावेद, शबनम परवीन और मोहम्मद शहजाद आलम। इन सभी के तार आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े पाए गए हैं। सभी के खिलाफ देशविरोधी गतिविधियों और अवैध हथियार रखने जैसे संगीन आरोप दर्ज किए गए हैं।

सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट, जांच तेज

हथियारों की विदेशी आपूर्ति, कट्टरपंथी विचारधारा के प्रचार और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को गुमराह करने जैसी गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अब इस मॉड्यूल के राष्ट्रव्यापी कनेक्शन की जांच में जुट गई हैं। एटीएस ने यह भी बताया है कि शबनम का संपर्क संभवतः अन्य राज्यों और विदेशी तत्वों से भी रहा है, जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

निष्कर्ष:

झारखंड में महिलाओं की भागीदारी के साथ आतंकवादी नेटवर्क का संचालन न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है, बल्कि यह सामाजिक स्तर पर भी गंभीर चिंता का विषय है। एटीएस की जांच से जुड़े इन खुलासों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकी संगठन अब नए-नए तरीकों से अपने नेटवर्क को बढ़ा रहे हैं, जिनसे निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सतर्कता और तकनीकी दक्षता की आवश्यकता है।

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