खूंटी (झारखंड)
झारखंड के खूंटी जिले से शुक्रवार सुबह एक सनसनीखेज और दर्दनाक वारदात सामने आई है। मरांगहादा थाना क्षेत्र के गड़ामडा गांव में जमीन विवाद को लेकर दो सगे भाइयों ने मिलकर अपने ही रिश्तेदार की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी। मृतक की पहचान गड़ामडा निवासी 35 वर्षीय गांगो मुंडा के रूप में हुई है। यह घटना न केवल पारिवारिक रिश्तों को कलंकित करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते भूमि विवादों की भयावह सच्चाई को भी उजागर करती है।
हत्या की पूरी वारदात: डोभा में नहा रहा था गांगो, वहीं हुआ हमला
एसडीपीओ वरुण रजक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे गांगो मुंडा घर के पास ही एक डोभा (तालाब) में नहाने गया था। उसी समय बुधु मुंडा और अछु मुंडा, जो मृतक के रिश्तेदार और सगे भाई हैं, वहां पहुंचे और गांगो पर धारदार हथियार “तोनो” से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। आरोपियों ने उसके सिर और गर्दन को निशाना बनाते हुए कई बार वार किया, जिससे गांगो की मौके पर ही मौत हो गई।
एक आरोपी ने किया आत्मसमर्पण, दूसरा अभी भी फरार
घटना के कुछ ही देर बाद बुधु मुंडा ने मरांगहादा पहुंचकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं दूसरा आरोपी अछु मुंडा मौके से फरार हो गया है, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। हत्या की सूचना मिलते ही मरांगहादा थाना प्रभारी और स्थानीय पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जमीन विवाद बना हत्या की वजह
पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि मृतक और आरोपियों के बीच लंबे समय से जमीन का विवाद चला आ रहा था। यही विवाद आखिरकार खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया। एसडीपीओ वरुण रजक ने बताया कि हत्या के पीछे के सभी कारणों की गहराई से जांच की जा रही है। आत्मसमर्पण करने वाले आरोपी को शुक्रवार को ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
गांव में दहशत और मातम का माहौल
इस हत्या की खबर पूरे गड़ामडा गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई। ग्रामीणों के अनुसार, मृतक गांगो मुंडा शांत स्वभाव का था और उसे इस तरह की क्रूर मौत मिलना बेहद दुखद है। घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग डरे-सहमे हुए हैं।
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The Mediawala Express की रिपोर्ट
यह घटना झारखंड में जमीन विवादों से जुड़ी बढ़ती घटनाओं की कड़ी में एक और गंभीर उदाहरण है। प्रशासन को इस दिशा में न केवल सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि विवादों को सुलझाने के लिए पंचायतों और राजस्व विभागों को अधिक प्रभावी बनाना होगा।