Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज केन्द्रीय सरना समिति, भारत के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान उन्होंने झारखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित रखने के लिए समिति के कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है।
बैठक के दौरान केन्द्रीय सरना समिति ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची के हरमु में 14 सितंबर को आयोजित होने वाले करमा पूजा महोत्सव में आमंत्रित किया। यह महोत्सव झारखंड की आदिवासी परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को समर्पित एक महत्वपूर्ण आयोजन है। मुख्यमंत्री ने इस आमंत्रण को स्वीकार करते हुए कहा कि वह इस महोत्सव में सम्मिलित होकर झारखंड की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करेंगे।
इस महत्वपूर्ण बैठक में समिति के विभिन्न पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे। सभी ने एकमत से यह संकल्प लिया कि वे झारखंड की संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने भी समिति के इस संकल्प की सराहना करते हुए उन्हें हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया।
समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि झारखंड की आदिवासी परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार और समाज के हर स्तर पर विशेष प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने का वादा किया और कहा कि सरकार इन मुद्दों पर पूरी गंभीरता से काम कर रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “झारखंड की संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित रखना मेरी पहली प्राथमिकता है। हमारी सरकार इस दिशा में सतत प्रयासरत है और हम समाज के सभी वर्गों का सहयोग लेकर इस धरोहर को सहेजने का कार्य करेंगे।”
बैठक का समापन सकारात्मक माहौल में हुआ, जहां सभी ने झारखंड की संस्कृति को सहेजने और बढ़ावा देने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया।