25 मई तक देना होगा जवाब, संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देने पर हो सकती है विभागीय कार्रवाई
झारखंड के स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने प्रदेश के पांच जिलों के कुल 1161 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन शिक्षकों ने जे-गुरुजी ऐप के माध्यम से अनिवार्य 24 घंटे की ऑनलाइन ट्रेनिंग अब तक पूरी नहीं की है। विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए इन शिक्षकों से 25 मई 2025 तक स्पष्टीकरण मांगा है। यदि तय समय तक जवाब नहीं मिला या उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया, तो संबंधित शिक्षकों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला?
राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग अनिवार्य की गई थी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 1 अप्रैल 2025 से शुरू किया गया था और शिक्षकों को जे-गुरुजी ऐप के माध्यम से 24 घंटे का ऑनलाइन कोर्स पूरा करना था। ट्रेनिंग पूरी करने के लिए झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (JCERT) की ओर से सभी संबंधित जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DSE) को निर्देश भी जारी किए गए थे।
क्या कदम उठाया विभाग ने?
जब यह पाया गया कि बड़ी संख्या में शिक्षक समय पर ट्रेनिंग नहीं कर रहे हैं, तब विभाग ने पहले चरण में रांची, लोहरदगा, खूंटी, गुमला और सिमडेगा जिलों को 7 दिन का अतिरिक्त समय दिया था। इसके बावजूद जब स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ, तो विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए 1161 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
JCERT निदेशक की टिप्पणी
JCERT के निदेशक शशि रंजन ने कहा कि ऑनलाइन ट्रेनिंग के लिए समय सीमा बढ़ाए जाने के बावजूद शिक्षकों द्वारा कोर्स पूरा नहीं करना स्वेच्छाचारिता का प्रतीक है और यह विभागीय आदेशों की साफ अवहेलना है। उन्होंने निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों ने अभी तक कोर्स पूरा नहीं किया है, उनसे अनिवार्य रूप से 25 मई तक जवाब लिया जाए और संतोषजनक जवाब न मिलने की स्थिति में प्रक्रियात्मक कार्रवाई शुरू की जाए।
सबसे ज्यादा लापरवाही किन जिलों में?
इन पांच जिलों में जिन शिक्षकों ने अब तक ट्रेनिंग पूरी नहीं की, उनमें सबसे अधिक संख्या रांची जिले की है। इसके बाद क्रमशः गुमला, सिमडेगा, खूंटी और लोहरदगा का स्थान है।
जिला | ऑनलाइन ट्रेनिंग नहीं करने वाले शिक्षक |
रांची | 417 |
गुमला | 293 |
सिमडेगा | 164 |
खूंटी | 160 |
लोहरदगा | 127 |
आगे क्या?
विभाग अब प्रत्येक शिक्षक से व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण मांग रहा है। जो शिक्षक संतोषजनक जवाब नहीं देंगे, उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें वेतन स्थगन, पदोन्नति पर रोक, या सेवा पुस्तिका में प्रतिकूल प्रविष्टि जैसे कदम शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा JCERT को भी इन सभी मामलों की जानकारी समय पर देने को कहा गया है।
निष्कर्ष
शिक्षकों की जिम्मेदारी केवल छात्रों को पढ़ाने की नहीं है, बल्कि स्वयं को अपडेट रखना और शासन के निर्देशों का पालन करना भी उनकी जिम्मेदारी है। इस मामले में विभाग की सख्ती यह संदेश देती है कि शिक्षा प्रणाली में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी स्तर पर हो। अब यह देखना अहम होगा कि 25 मई तक कितने शिक्षक अपना स्पष्टीकरण देते हैं और विभाग आगे क्या कदम उठाता है।