झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत राज्य के नेता राज्य के वकीलों की मदद के लिए काम कर रहे हैं। सरकार ने एक स्वास्थ्य बीमा योजना बनाई है, जिसके तहत झारखंड के वकीलों को बीमार होने या चोट लगने पर चिकित्सा देखभाल के लिए 5 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है। यह योजना करीब 30,000 वकीलों के लिए है और इसका उद्देश्य उन्हें मदद की ज़रूरत पड़ने पर बड़े मेडिकल बिलों से बचाना है।

काम बंद करने पर हर महीने पुराने वकीलों को मिलने वाले पैसे में बढ़ोतरी हुई है। अब उन्हें हर महीने 7,000 रुपये मिलने के बजाय 14,000 रुपये मिलेंगे। इससे उन्हें रिटायर होने के बाद जीवनयापन के लिए ज़्यादा पैसे मिलेंगे। नए वकील जिन्होंने अभी-अभी काम करना शुरू किया है, उन्हें पहले पांच साल तक हर महीने 5,000 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।

यह उन लोगों की मदद के लिए है जिनके पास ज़्यादा पैसे नहीं हैं, ताकि वे ज़्यादा सुरक्षित महसूस कर सकें और अपनी नौकरी में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। झारखंड कैबिनेट ने वर्ष 2024-25 के लिए अपने राज्य के वकीलों की मदद के लिए ₹1.5 करोड़ देने का फैसला किया है। इस पैसे का इस्तेमाल वकीलों की मदद करने वाली चीज़ों के लिए किया जाएगा, जैसे कि उनकी चिकित्सा ज़रूरतों के लिए भुगतान करने की योजना। झारखंड में वकील के तौर पर काम करने वाले लोग इन बदलावों से वाकई खुश हैं। राज्य के नेता का मानना है कि इस मदद से ज़्यादा से ज़्यादा युवा वकील बनने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

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