रांची
झारखंड सरकार ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से होने वाली नियुक्तियों को लेकर एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब राज्य में कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे तकनीकी पदों पर आउटसोर्स के तहत होने वाली बहालियों में भी आरक्षण नीति का सख्ती से पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें कुल 10 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में ‘झारखंड मैनपावर प्रोक्योरमेंट आउटसोर्सिंग मैनुअल 2025’ को भी स्वीकृति मिली।
अब नियुक्तियां होंगी 5 साल के लिए, मिलेगा बीमा और बढ़ा हुआ मानदेय
नई नीति के अनुसार, आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति अधिकतम पांच वर्षों के लिए की जाएगी। इसके बाद पुनः निविदा प्रक्रिया के जरिए बहाली की जाएगी। इसके साथ ही इन कर्मियों को प्रतिवर्ष तीन प्रतिशत मानदेय वृद्धि का लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं, हर कर्मी को चार लाख रुपये का ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस भी मिलेगा।
आरक्षण नीति का अनिवार्य अनुपालन
पहली बार राज्य सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आउटसोर्सिंग बहालियों में भी राज्य की आरक्षण नीति का अनुपालन जरूरी होगा। इससे एससी, एसटी, ओबीसी और अन्य आरक्षित वर्गों को इन तकनीकी पदों में भी उचित भागीदारी मिल सकेगी।
जैप-आईटी के जिम्मे पोर्टल और मॉनिटरिंग
इन बहालियों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जैप-आईटी (JAP-IT) को मैनपावर से संबंधित पोर्टल के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही एक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ (ग्रीवांस सेल) भी गठित किया जाएगा, जो आउटसोर्स कर्मियों की समस्याओं की निगरानी करेगा और समाधान सुनिश्चित करेगा।
हर विभाग में कितने आउटसोर्स कर्मी होंगे, तय करेगी समिति
कैबिनेट की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न विभागों में आउटसोर्स कर्मियों की बहाली जैप-आईटी द्वारा इनपैनल कंपनियों के माध्यम से की जाती रही है, लेकिन एक स्पष्ट और एकीकृत नीति का अभाव था। अब हर विभाग में कितने आउटसोर्स कर्मचारी होंगे, इसका निर्धारण प्रशासी पदवर्ग समिति करेगी। साथ ही, मंत्री और सचिव स्तर पर अनुमोदन की अधिकतम सीमा भी तय की गई है।
महिला कॉलेजों के विकास की भी घोषणा
इसी दिन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के आदिवासी कॉलेज परिसर में 520 बेड वाले छात्रावास की आधारशिला रखते हुए महिला शिक्षा को लेकर भी बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्यभर के महिला कॉलेजों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जाएगा। शिक्षा को मजबूत करने के लिए सभी जरूरी संसाधन सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे।
सीएम ने यह भी कहा कि कल्याण विभाग के सभी छात्रावासों का जीर्णोद्धार किया जाएगा और आदिवासी छात्रावासों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है।
निष्कर्ष:
झारखंड सरकार का यह कदम आउटसोर्सिंग बहालियों को न केवल संरचित और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि समाज के वंचित वर्गों को तकनीकी पदों में भागीदारी का अवसर भी देगा। यह निर्णय सामाजिक न्याय, समावेशन और सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।