रांची
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित CGL परीक्षा 2023 में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। राज्य की आपराधिक जांच विभाग (CID) की जांच में खुलासा हुआ है कि उम्मीदवारों से परीक्षा के प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के नाम पर 20-20 लाख रुपये की भारी रकम वसूली गई थी। इस गोरखधंधे में सुरक्षाबलों के जवानों की संलिप्तता ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है।
जांच में सामने आया है कि इस पूरे फर्जीवाड़े को संगठित ढंग से अंजाम दिया गया था। मुख्य आरोपी कुंदन कुमार उर्फ मंटू, जो कि IRB (झारखंड सशस्त्र बल) का जवान है, ने अपने साथी जवानों को एजेंट बनाकर अभ्यर्थियों से पैसे वसूले। इस नेटवर्क को मास्टरमाइंड संदीप त्रिपाठी द्वारा संचालित किया जा रहा था, जिसने असम राइफल्स के जवान रामनिवास राय और उसके भाई के माध्यम से कुंदन से संपर्क साधा था।
पत्नी के खाते से लेन-देन, नेपाल तक चला नेटवर्क
CID को जांच में यह भी जानकारी मिली है कि पैसों का लेन-देन कुंदन की पत्नी कंचन के बैंक खातों के जरिये हुआ। इन्हीं खातों से करीब 2.90 लाख रुपये रामनिवास के भतीजे को भेजे गए। गौर करने वाली बात है कि लेन-देन के संदर्भ में कोडवर्ड्स जैसे “निवास CGL” और “निवास JS” का इस्तेमाल किया गया था।
एक सफल उम्मीदवार नवीन कुमार से 27 सितंबर को 90 हजार और 6 अक्टूबर 2024 को 60 हजार रुपये वसूले जाने का भी दस्तावेजी प्रमाण मिला है।
वीरगंज में कराया गया था सवाल-जवाब रटना
जांच में चौंकाने वाली जानकारी यह भी सामने आई कि कुछ अभ्यर्थियों को बिहार के अलग-अलग शहरों – पटना, मुजफ्फरपुर, मोतीहारी और रक्सौल – से नेपाल के वीरगंज ले जाया गया था। वहां उन्हें सामान्य ज्ञान के करीब 100-120 प्रश्न और उनके उत्तर छह से सात पन्नों में रटवाए गए। बरामद सूची के अनुसार, इस नेटवर्क से जुड़े 28 अभ्यर्थियों में से 10 परीक्षा में पास भी हो गए।
धमकी और दबाव का भी इस्तेमाल
CID की रिपोर्ट के अनुसार, अभ्यर्थियों को न केवल पैसों के लिए संपर्क किया गया, बल्कि धमकी भी दी गई। गिरफ्तार आरोपी कुंदन कुमार और मास्टरमाइंड संदीप त्रिपाठी ने एक अभ्यर्थी अरविंद कुमार को कॉल कर डराने की कोशिश की। अरविंद ने इस बातचीत की वीडियो कॉल रिकॉर्डिंग भी जांच एजेंसी को सौंपी है, जिसमें पैसे की मांग स्पष्ट तौर पर सुनी जा सकती है।
बढ़ती साजिशें, घटता भरोसा
यह मामला न केवल झारखंड की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षाओं में से एक को कलंकित करता है, बल्कि राज्य की परीक्षा प्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। CID की ओर से मामले की गहन जांच जारी है, और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।