हेमंत सोरेन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में किसानों के लिए राहतभरी घोषणाएं की हैं। किसानों को उनकी फसलों का उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस बार धान के साथ-साथ लाह, तसर, करंज, इमली, महुआ और चिरौंजी की MSP में वृद्धि करने की योजना है। इसके तहत सरकार कृषि उत्पादों की खरीद को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग को 2,863.49 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।

किसानों के लिए MSP और खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता

राज्य सरकार ने किसानों की उपज को बेहतर बाजार दर दिलाने के लिए कृषि उत्पादों की खरीद नीति को और प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है। सरकार का उद्देश्य यह है कि किसान सिर्फ धान की खेती तक सीमित न रहें, बल्कि लघु वनोपज और अन्य फसलों से भी उनकी आमदनी में इजाफा हो।

खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक वितरण की प्रमुख योजनाएं

1. झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना:

• इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

• यह योजना धान अधिप्राप्ति योजना के तहत खरीदे गए धान से प्राप्त चावल के वितरण पर आधारित होगी।

2. दाल और नमक वितरण योजना:

• राज्य सरकार की इस योजना के लिए 720 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।

• यह पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित योजना है, जिससे गरीब और वंचित परिवारों को पोषण संबंधी सहायता मिलेगी।

3. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना:

• केंद्र सरकार की इस योजना से जो गरीब परिवार अनाच्छादित रह गए हैं, उन्हें झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत शामिल किया जाएगा।

• इसके लिए सरकार ने 470 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।

4. धोती-साड़ी-लुंगी वितरण योजना:

• इस सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत गरीबों को कपड़े उपलब्ध कराने के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

निष्कर्ष

हेमंत सरकार के इस बजट में किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत देने के साथ-साथ गरीब और जरूरतमंद परिवारों की खाद्य सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है। धान, लाह, तसर, करंज, इमली, महुआ और चिरौंजी की MSP बढ़ाकर सरकार किसानों को कृषि विविधता की ओर प्रोत्साहित करना चाहती है। वहीं, दाल-नमक वितरण और धोती-साड़ी-लुंगी जैसी योजनाएं समाज के कमजोर तबके की जीवनशैली सुधारने में मदद करेंगी।

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