हाल ही में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर ‘Day at Sea’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना की शक्ति और उसके पराक्रम को नजदीक से देखा और सराहा। उन्होंने मिग 29K फाइटर जेट के टेक-ऑफ और लैंडिंग, मिसाइल फायरिंग अभ्यास, पनडुब्बी संचालन जैसे कई प्रभावशाली प्रदर्शनों का अवलोकन किया, जिससे भारतीय नौसेना की ताकत और तकनीकी कुशलता स्पष्ट होती है।

आईएनएस विक्रांत: भारत की नौसेना का गौरव

आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जिसे भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए खासतौर पर डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। इसे 2022 में कमीशन किया गया था और तब से यह देश की सुरक्षा और सामरिक मजबूती का प्रतीक बन गया है। इस विमानवाहक पोत पर अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण, एयरक्राफ्ट हैंगर, युद्धक विमानों के लिए रनवे और कई अन्य विशेषताएं मौजूद हैं, जो इसे अद्वितीय बनाती हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू का ‘Day at Sea’ और नौसेना के पराक्रम का अनुभव

राष्ट्रपति ने इस मौके पर नौसेना के द्वारा किए जा रहे अभियानों को करीब से देखा। उन्होंने मिग 29K जैसे फाइटर जेट्स के टेक-ऑफ और लैंडिंग का प्रदर्शन देखा, जो कि आईएनएस विक्रांत पर तैनात हैं। इस प्रकार के अभ्यास से नौसेना की युद्धक क्षमता और तत्परता का आभास होता है। इसके अलावा, उन्होंने एक युद्धपोत से मिसाइल फायरिंग अभ्यास और पनडुब्बी संचालन का भी अनुभव किया। इन गतिविधियों को देखकर उन्होंने नौसेना की तकनीकी कुशलता और शौर्य की सराहना की।

महिला अग्निवीरों का पहला बैच

आईएनएस विक्रांत पर राष्ट्रपति ने उन महिला अग्निवीरों से भी बातचीत की, जिनका पहला बैच हाल ही में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ है। इन महिला अग्निवीरों का चयन भारतीय सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नौसेना के इस फैसले से महिला सैनिकों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का मौका मिलेगा, और देश की रक्षा में उनका योगदान और बढ़ेगा।

नौसेना के पराक्रम को राष्ट्रपति की सराहना

राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय नौसेना के पराक्रम और निष्ठा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नौसेना का परिश्रम और साहस देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। आईएनएस विक्रांत जैसे अत्याधुनिक जहाज से नौसेना की शक्ति में वृद्धि हुई है और यह समुद्र में देश के सामरिक हितों की रक्षा करने के लिए सक्षम है। राष्ट्रपति ने नौसेना के सभी क्रू मेंबर्स को उनके परिश्रम और समर्पण के लिए बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

आईएनएस विक्रांत और भारत की समुद्री ताकत का भविष्य

आईएनएस विक्रांत की उपस्थिति भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है। इसका निर्माण देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भारत की समुद्री सुरक्षा में इसे एक शक्तिशाली प्रतीक माना जाता है। आईएनएस विक्रांत ने भारत की समुद्री सुरक्षा और शक्ति को एक नई दिशा दी है और इसने भारतीय नौसेना को और भी सक्षम बनाया है।

निष्कर्ष

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आईएनएस विक्रांत पर ‘Day at Sea’ कार्यक्रम में शामिल होना और नौसेना के पराक्रम को सराहना देना भारतीय नौसेना के लिए गर्व का विषय है। यह दौरा न केवल नौसेना के अधिकारियों और जवानों के मनोबल को बढ़ाने वाला है, बल्कि इसे राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में भी देखा जा सकता है। आईएनएस विक्रांत का परिचालन भारत के आत्मनिर्भरता के संकल्प का प्रतीक है, जो देश को हर चुनौती के लिए तैयार बनाता है।

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