झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना के तहत हर माह 2,500 रुपये की सीधी बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) उन महिलाओं के बैंक खातों में भेजी जाती है जिनके खाते आधार से लिंक हैं। हाल में सामाजिक सुरक्षा कोषागार ने चेतावनी दी है कि जिन लाभुकों ने अभी तक आधार-सिडिंग नहीं कराई, उनके अप्रैल माह का भुगतान तीन दिन के भीतर आधार लिंकिंग नहीं कराने पर रोक दिया जाएगा।
मंईयां सम्मान योजना क्या है?
- उद्देश्य: कमजोर वर्ग की महिलाओं को वित्तीय सशक्तिकरण
- राशि: प्रति लाभुक मासिक ₹2,500
- फंड स्रोत: राज्य सरकार का सामाजिक सुरक्षा कोषागार
- पेमेंट मोड: सीधे बैंक खाते में DBT
आधार सिडिंग क्यों अनिवार्य?
- पारदर्शिता: गलत खातों में गलती से राशि जाने की संभावना समाप्त होती है।
- दुरुपयोग रोकथाम: बोगस या बंद खातों का उपयोग नहीं हो सके।
- तेजी से भुगतान: सत्यापित खाते में ही तत्काल DBT क्रेडिट होता है।
अभी तक कितने लाभुक पेंडिंग हैं?
- कुल पेंडिंग: लगभग 10,000 लाभुकों के खाते लिंक नहीं हुए
- तीन प्रखंडों का आंकड़ा: उधवा, बरहेट व बरहड़वा में मिलाकर 4,928 लाभुक (49%) अभी आधार सिडिंग से वंचित
- प्रभाव: इन तीन प्रखंडों के लाभुकों का अप्रैल का ₹2,500 रुक सकता है
आधार लिंकिंग करने की जगहें
- राष्ट्रीयकृत बैंकों की स्थानीय शाखाएँ
- CSPS (Customer Service Points)—ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में उपलब्ध
- पंचायत/प्रखंड कार्यालय: कुछ जगहों पर विशेष कैंप आयोजित
नोट: आधार-सिडिंग के लिए जरूरी कागजात हैं—आधार कार्ड, बैंक पासबुक/स्टेटमेंट, पहचान पत्र।
तीन दिनों के बाद क्या कार्रवाई?
- अप्रैल माह की राशि रोककर रखी जाएगी।
- जिन लाभुकों का भुगतान अटकेगा, उन्हें प्रखंड कार्यालय या जिला सामाजिक सुरक्षा शाखा का चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
- एक बार लिंक हो जानें पर पिछली अटकी राशि भी क्लियर कर दी जाएगी, लेकिन इसमें देरी हो सकती है।
प्रशासन ने क्या निर्देश दिए हैं?
- जिला सामाजिक कार्य विभाग ने सभी प्रखंड सचिवालयों को पेंडिंग लिस्ट भेज दी है।
- पंचायत स्तर पर सूचना पट्ट पर सूचनाएँ चस्पा की जा रही हैं।
- लाभुकों को तत्काल तीन दिन में बैंक शाखा या CSP केंद्र जाकर आधार लिंक करवाने का अल्टीमेटम दिया गया है।
लाभुकों के लिए टिप्स
- पहले से संपर्क करें: बैंक शाखा/CSPS में जाने से पहले फोन करके दस्तावेजों की पुष्टि करा लें।
- समूह में जाएँ: कई लाभुक एकसाथ जाने पर प्रक्रिया तेज़ होती है।
- रसीद संजोएँ: सिडिंग के बाद मिलने वाली रसीद सुरक्षित रखें।