घाटशिला
गर्मी के मौसम में घाटशिला शहर और इसके आसपास के इलाकों में पानी की भारी किल्लत ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले तीन दिनों से पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप है, जिससे स्थानीय निवासियों में नाराजगी और बेचैनी साफ देखने को मिल रही है। विशेषकर गोपालपुर और पावड़ा पंचायत के निवासियों को बाल्टी लेकर इधर-उधर पानी की तलाश में भटकना पड़ रहा है।
क्या है जल संकट की वजह?
सूत्रों के अनुसार, पेयजल आपूर्ति प्रणाली में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, गुरुवार को आपूर्ति केबल जल गई थी, जिसके बाद से पूरी जलापूर्ति व्यवस्था ठप पड़ी है। दो दिनों तक फॉल्ट की तलाश चलती रही, लेकिन शनिवार की सुबह केबल में खराबी की पुष्टि होने के बाद से उसे बदलने का कार्य शुरू किया गया है।
विभाग ने आश्वासन दिया है कि रविवार सुबह तक जलापूर्ति बहाल हो सकती है, हालांकि स्थानीय लोगों को अब तक स्पष्ट और आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
कितने प्रभावित हैं उपभोक्ता?
घाटशिला नगर क्षेत्र और तीन प्रमुख पंचायतों — घाटशिला, गोपालपुर और पावड़ा — के करीब 1,200 से 1,300 घरों में रोजाना सुबह पेयजल आपूर्ति की जाती थी। कभी सुबह 5:30 बजे तो कभी 8:30 बजे के आसपास पानी पहुंचता था। लेकिन अब तीन दिनों से एक बूंद पानी भी नहीं मिलने से लोगों को अपने रोजमर्रा के कामों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
लोगों की शिकायतें: कोई सुनवाई नहीं
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि जब वे विभागीय अधिकारियों को फोन करते हैं तो कॉल रिसीव नहीं होता, जिससे उन्हें यह भी नहीं पता चल पा रहा है कि समस्या क्या है और समाधान कब तक होगा। कई लोग पास-पड़ोस से पानी मांगकर या हैंडपंप से किसी तरह गुज़ारा कर रहे हैं।
गर्मी में और भी गंभीर हुई स्थिति
मौसम में तेज़ गर्मी और लू के बीच तीन दिन तक जलापूर्ति का बंद रहना लोगों के लिए स्वास्थ्य और स्वच्छता की गंभीर समस्या बन गया है। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।
प्रशासनिक उदासीनता पर उठे सवाल
इस आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठने लगे हैं। न तो किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है और न ही पानी के टैंकर भेजे गए हैं। नागरिकों की मांग है कि विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचकर समस्या का जायजा लें और तत्काल राहत उपाय शुरू करें।
जल संकट कब होगा खत्म?
विभाग की ओर से दावा किया जा रहा है कि केबल और मोटर की मरम्मत युद्धस्तर पर की जा रही है और रविवार की सुबह से जलापूर्ति सामान्य हो सकती है। हालांकि, नागरिकों को तब तक भरोसा नहीं है जब तक वे खुद अपने नलों से पानी बहते न देख लें।