देश के रक्षक लौट रहे हैं मोर्चे पर – आइए, उन्हें सम्मान दें

देश एक असाधारण स्थिति से गुजर रहा है। अपातकालीन परिस्थितियों में हमारे बहादुर जवानों को अचानक ड्यूटी पर बुलाया गया है। ये वही जवान हैं जो छुट्टियों पर अपने परिवार के साथ समय बिता रहे थे, लेकिन जैसे ही देश ने उन्हें पुकारा, वे बिना किसी देरी के लौटने को तैयार हो गए – चाहे टिकट हो या न हो, चाहे कोई सुविधा हो या नहीं।

आज भारतीय रेल की सामान्य सीटों पर, बाथरूम के पास खड़े हुए, थके हुए चेहरों के साथ जो सैनिक नजर आ रहे हैं – वे हमारे असली हीरो हैं। ये जवान बिना रिजर्वेशन के, केवल अपने कर्तव्यबोध से प्रेरित होकर वापस मोर्चे पर जा रहे हैं। ऐसे समय में हम भारतवासियों की भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम उनका आदर करें, उन्हें सहयोग दें।

जनता से अपील:

  • अगर किसी ट्रेन में आपको कोई जवान खड़ा नजर आए तो कृपया अपनी रिजर्व सीट उन्हें सम्मानपूर्वक ऑफर करें।
  • अगर कोई जवान आपको स्टेशन से पैदल जाते दिखे, तो अगर संभव हो, उन्हें अपनी गाड़ी में उनके गंतव्य तक पहुंचाने का प्रयास करें।
  • किसी जवान को सहायता की आवश्यकता हो तो उसे परिवार की तरह सहयोग दें – क्योंकि वही तो हैं जो हमारी सीमाओं पर परिवार बनकर हमारी रक्षा करते हैं।

आज जो हमारे लिए असुविधा लग सकती है, वह उनके लिए जीवन-मरण का प्रश्न है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश की सुरक्षा के लिए अपने घरों से निकलकर जो जवान ड्यूटी पर लौट रहे हैं, उनके बलिदान के सामने हमारी छोटी-छोटी सहायताएं बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।

आइए, हम एक जिम्मेदार नागरिक बनें। हमारे सैनिकों को महसूस कराएं कि वे अकेले नहीं हैं – 140 करोड़ भारतवासी उनके साथ खड़े हैं।

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