झारखंड में विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच राजनीतिक दलों में नेताओं का आना-जाना जारी है। इसी क्रम में बरहेट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी और पहाड़िया समुदाय के प्रभावशाली नेता सिमोन मालतो ने भाजपा छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का दामन थाम लिया। बुधवार को रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिमोन मालतो को पार्टी का पट्टा पहनाकर उनका जेएमएम में स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सिमोन और उनके समर्थकों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि “जेएमएम परिवार में नए सदस्यों के जुड़ने से संगठन को और मजबूती मिलेगी।”
भाजपा पर सिमोन मालतो का आरोप
जेएमएम में शामिल होने के बाद सिमोन मालतो ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन्हें और उनके समुदाय को केवल भरोसा दिया, लेकिन उन वादों का कभी पालन नहीं किया। सिमोन ने बताया कि भाजपा में रहते हुए उन्हें उचित मान-सम्मान नहीं मिला और पार्टी ने उनकी उपेक्षा की। उन्होंने कहा, “भाजपा ने हमें केवल झूठे वादों का झांसा दिया, जिसका परिणाम शून्य निकला।”
पहाड़िया समुदाय के लिए सिमोन की अहमियत
सिमोन मालतो पहाड़िया समुदाय के एक प्रमुख नेता हैं और इस समुदाय के बीच उनकी मजबूत पकड़ है। जेएमएम के साथ उनके जुड़ने से पहाड़िया समुदाय में जेएमएम की पकड़ और मजबूत होने की उम्मीद है। सिमोन का जेएमएम में शामिल होना पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो चुनाव में उनके पक्ष में लाभदायक हो सकता है।
सिमोन मालतो का राजनीतिक सफर
सिमोन मालतो का राजनीतिक सफर काफी लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है। वे पहले भी कई बार विभिन्न पार्टियों के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। 2004 और 2019 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर बरहेट से चुनाव लड़ा था, जबकि 2014 में झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के टिकट पर भी वे मैदान में उतरे थे। इसके अलावा, 2009 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी चुनाव लड़ा।
जेएमएम को होगा सिमोन के जुड़ने से लाभ
सिमोन मालतो के जेएमएम में शामिल होने से पार्टी की स्थिति और भी मजबूत होगी, खासकर बरहेट विधानसभा क्षेत्र में। पहाड़िया समुदाय के बीच सिमोन की लोकप्रियता और उनकी सामाजिक पकड़ से जेएमएम को आदिवासी वोटबैंक में लाभ मिलने की उम्मीद है। उनके जेएमएम में आने से हेमंत सोरेन की पार्टी को आदिवासी समुदायों के बीच और अधिक समर्थन मिलने की संभावना है, जो राज्य में जेएमएम की स्थिति को और सुदृढ़ कर सकता है।
निष्कर्ष
सिमोन मालतो का भाजपा छोड़कर जेएमएम में शामिल होना झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह कदम भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, जबकि जेएमएम के लिए एक लाभदायक स्थिति। चुनावी माहौल में इस तरह की दलबदल की घटनाएं निश्चित रूप से चुनावी समीकरणों को प्रभावित करती हैं। जेएमएम ने सिमोन मालतो का स्वागत कर अपने संगठन को और मजबूत करने का प्रयास किया है, और आने वाले दिनों में इसका असर चुनाव परिणामों पर दिख सकता है।