रांची, 16 जनवरी 2025
भू-राजस्व मंत्री श्री दीपक बिरुआ ने आमजनों को जमीन से संबंधित सेवाएं सुलभ कराने के उद्देश्य से राजस्व संग्रहण प्रणाली में सुधार के लिए कई अहम निर्देश दिए हैं। उन्होंने घोषणा की कि अब राज्यवासियों को अपनी जमीन की रसीद कटवाने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, बारकोड के माध्यम से मोबाइल पर ही रसीद कटवाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
जनहित में तकनीकी का उपयोग
श्री बिरुआ ने वर्चुअल बैठक के दौरान कहा कि जमीन संबंधी कार्यों को राइट टू सर्विस एक्ट के दायरे में लाया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित हो कि सभी कार्य समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरे हों। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे म्यूटेशन और अन्य जमीन संबंधी लंबित कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करें।
राजस्व संग्रहण बढ़ाने के लिए प्रयास
चाईबासा प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा जमशेदपुर की कंपनियों से ₹2000 करोड़ की बकाया वसूली का प्रस्ताव पेश किया गया। इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए मंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसी वसूली से राज्य के राजस्व में वृद्धि की संभावना है, लेकिन इसके लिए योजनाबद्ध प्रयास आवश्यक हैं।
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामलों पर सख्ती दिखाते हुए श्री बिरुआ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सरकारी जमीन की स्थिति पर विस्तृत सूची तैयार करें। उन्होंने हरमू नदी के किनारे अवैध कब्जे की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए विभागीय स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक के अन्य मुख्य बिंदु
बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा और निर्देश दिए गए:
- लंबित म्यूटेशन प्रक्रिया की कठिनाइयों को दूर करना।
- खासमहल जमीन के नवीकरण में तेजी लाना।
- सैरात वसूली को सरल और पारदर्शी बनाना।
- लंबित कोर्ट केसों की नियमित समीक्षा और शीघ्र निष्पादन।
- अंचल कार्यालयों का निरीक्षण और कार्य प्रणाली में सुधार।
भागीदारी और सुझाव
बैठक में रांची, हजारीबाग, पलामू, दुमका, और चाईबासा प्रमंडलों के आयुक्तों ने सुझाव प्रस्तुत किए। मंत्री ने इन पर अमल करने और त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। बैठक में विभागीय प्रधान सचिव चंद्रशेखर, विशेष सचिव शशिप्रकाश झा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
नवाचार से बदलती व्यवस्था
भू-राजस्व विभाग के इस नवाचार से न केवल आमजनों को सहूलियत होगी, बल्कि राजस्व संग्रहण प्रक्रिया भी तेज और पारदर्शी होगी। बारकोड आधारित रसीद प्रणाली डिजिटल बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में जमीन संबंधित सेवाओं को और भी सुलभ बनाएगा।