बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने पिछड़ा- अतिपिछड़ा वर्ग को उचित सम्मान और सत्ता में भागीदारी दी।
पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने पिछड़ा- अतिपिछड़ा वर्ग को उचित सम्मान और सत्ता में भागीदारी दी। मगध सम्राट जरासंध के जन्मोत्सव समारोह सह चंद्रवंशी सम्मान रैली को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि चंद्रवंशी समाज और अतिपिछड़ों को सम्मान देना एनडीए सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने 15 साल के राज में अति पिछड़ों और दलितों को आरक्षण नहीं दिया , लेकिन इन समुदायों का वोट लेकर राज किया और भ्रष्टाचार किया।
लालू-राबड़ी सरकार ने किसी को आरक्षण नहीं दिया’
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जरासंध की भूमि राजगीर (नालंदा) से आने वाले नीतीश कुमार न्याय के साथ विकास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान जरासंध की सामाजिक संरचना में हम लोग काम कर रहे हैं। कपूरी ठाकुर ने पिछड़ा -अति पिछड़ा वर्ग को जोड़ने का जो काम किया, उसे हम लोग आगे बढा कर रहे हैं। कर्पूरी जी के बाद नीतीश कुमार ऐसी व्यवस्था की जिससे अति पिछड़ा समाज मुख्य धारा में आया। चौधरी ने कहा कि आजकल जो लोग आरक्षण-आरक्षण रट कर सामाजिक न्याय के मसीहा बनना चाहते हैं, उन लोगों ने 2001 में आरक्षण दिए बिना जिला परिषद का चुनाव कराये थे। 15 साल सत्ता में रहने वाली लालू-राबड़ी सरकार ने किसी को आरक्षण नहीं दिया।
‘लालू प्रसाद की पार्टी की कथनी-करनी में कोई मेल नहीं’
सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद जब चारा घोटाला में जेल जाने लगे, तब किसी अतिपिछड़ा को कुर्सी देने के बजाय उन्होंने अपनी गैरराजनीतिक पत्नी को मुख्यमंत्री बनवा दिया। उन्होंने कहा कि राजद ने मुख्य मंत्री, उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष का पद लालू परिवार के लिए आरक्षित कर लिया है। लालू की बड़ी बेटी लोकसभा का चुनाव हारी, तो उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनवा दिया गया। लालू प्रसाद की पार्टी की कथनी-करनी में कोई मेल नहीं है। उप मुख्यमंत्री चौधरी ने सम्राट जरासंध की वीरता, नेतृत्व और सामाजिक समरसता के योगदान को याद करते हुए बिहार के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए अखिल भारतीय चंद्रवंशी चेतना परिषद के अध्यक्ष प्रमोद चंद्रवंशी और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया और इस आयोजन को बिहार की सांस्कृतिक विरासत को सशक्त करने वाला कदम बताया।