सरायकेला-खरसावां, झारखंड

झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में सरायकेला-खरसावां जिले से एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) यश्मिता सिंह की ओर से की गई जांच में यह खुलासा हुआ है कि प्रखंड में करीब 3000 महिलाओं ने फर्जी तरीके से योजना का लाभ उठाया है।

बीडीओ ने सोमवार को बताया कि सरायकेला प्रखंड से योजना के तहत कुल 16,000 महिलाओं ने आवेदन किया था, जिनमें से करीब 3000 महिलाएं अयोग्य पाई गईं। इनमें कई महिलाएं ऐसी थीं जो सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों में संविदाकर्मी, पारा शिक्षक या मानदेय कर्मी के तौर पर कार्यरत थीं। कुछ मामलों में महिलाओं के परिवार के सदस्य सरकारी सेवा में थे, जो योजना की पात्रता के नियमों के खिलाफ है।

नोटिस के बावजूद नहीं लौटाई गई राशि, अब होगी FIR

बीडीओ यश्मिता सिंह ने बताया कि एक माह पूर्व इन सभी महिलाओं को नोटिस जारी कर योजना के अंतर्गत प्राप्त राशि को प्रखंड नजारत कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन अब तक सिर्फ दो महिलाओं ने ही राशि वापस की है, शेष महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि पहली सूची में 28 महिलाओं के नाम शामिल हैं, जिनमें अधिकांश पारा शिक्षकों की पत्नियां हैं। इन सभी पर योजना का लाभ गलत तरीके से लेने का आरोप है।

योजना का उद्देश्य और पात्रता की अनदेखी

सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं और युवतियों को प्रतिमाह ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। पात्रता के अनुसार लाभार्थी को किसी भी सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान में कार्यरत नहीं होना चाहिए, लेकिन कई महिलाओं ने इन नियमों की अनदेखी करते हुए फर्जीवाड़ा किया।

बीडीओ ने साफ किया कि आने वाले दिनों में अन्य प्रखंडों में भी योजना की समीक्षा की जाएगी, ताकि फर्जी लाभार्थियों की पहचान की जा सके और सरकारी धन के दुरुपयोग को रोका जा सके।

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