रांची
झारखंड की राजधानी रांची में मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए चर्चित कारोबारी विमल अग्रवाल और पुनीत अग्रवाल के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। दोनों कारोबारी राजवीर कंस्ट्रक्शन से जुड़े हैं, और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित गंभीर आरोपों की जांच चल रही है।
हरिओम टावर से लेकर ट्रस्ट कार्यालय तक ईडी की दबिश
प्रवर्तन निदेशालय की टीमें मंगलवार सुबह रांची के हरिओम टावर स्थित फ्लैट नंबर 604, वहीं स्थित कार्यालय, और अन्य व्यावसायिक परिसरों पर पहुंचीं। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित प्रमाणों के आधार पर की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी की नजर राजवीर कंस्ट्रक्शन से जुड़े लेनदेन, फर्जी कंपनियों के जरिए धन के हेरफेर और अवैध संपत्ति अर्जन के मामलों पर है।
2023 में भी पड़ी थी रेड, जुड़ाव बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट से
गौरतलब है कि 26 सितंबर 2023 को भी विमल अग्रवाल और पुनीत अग्रवाल के ठिकानों पर जीएसटी विभाग द्वारा छापेमारी की गई थी। उस समय राजस्व में गड़बड़ी और फर्जी बिलिंग से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए थे।
दोनों कारोबारी बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट से भी जुड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि ट्रस्ट की आड़ में वित्तीय लेनदेन को वैध रूप देने की कोशिश की जा रही थी, जिसे लेकर अब प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच तेज कर दी है।
किस मामले में हो रही है कार्रवाई?
ईडी की यह छापेमारी मुख्य रूप से प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है। प्राथमिक जांच में पाया गया है कि कुछ निर्माण प्रोजेक्ट्स में निवेश के नाम पर फर्जी कंपनियों का सहारा लेकर धनशोधन किया गया। छापेमारी के दौरान कंप्यूटर, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
राजवीर कंस्ट्रक्शन पर बढ़ी निगरानी
राजवीर कंस्ट्रक्शन, जो झारखंड के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सक्रिय रही है, लंबे समय से ईडी और जीएसटी विभाग की नजर में है। खासकर सरकारी टेंडर और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े प्रोजेक्ट्स में इसकी भूमिका जांच के घेरे में है। अब मनी ट्रेल खंगालने के लिए ईडी ने डिजिटल और फिजिकल दस्तावेजों की गहनता से जांच शुरू की है।