रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर निर्वाचन की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। इसी क्रम में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने पोस्टल बैलेट से मतदान प्रक्रिया की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के नोडल पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई, जिसमें चुनाव कार्य में लगे कर्मियों, आवश्यक सेवाओं से जुड़े पदाधिकारियों, वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के पोस्टल बैलेट से मतदान सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।

पोस्टल बैलेट से मतदान का महत्व:

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री कुमार ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि चुनाव कार्य में लगे कर्मी और आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी जो चुनाव के दिन मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकते, उनके लिए पोस्टल बैलेट से मतदान की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को सभी आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों की सूची मंगवाने और समय पर पोस्टल बैलेट फॉर्म उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। श्री कुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी कर्मी अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए।

वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था:

श्री कुमार ने निर्देश दिए कि 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और दिव्यांग नागरिकों के लिए भी घर से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। ऐसे मतदाताओं के लिए फॉर्म 12D को समय पर भरवाना अनिवार्य किया गया है, ताकि वे पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पहले ही यह निर्देश जारी किया गया है कि इन मतदाताओं को निर्वाचन प्रक्रिया से जोड़ा जाए और पोस्टल बैलेट फॉर्म की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

पोस्टल बैलेट प्रक्रिया की सख्त निगरानी:

बैठक के दौरान, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. नेहा अरोड़ा ने भी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि पोस्टल बैलेट से जुड़ी सभी औपचारिकताओं को गुरुवार तक पूरा किया जाए। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पोस्टल बैलेट से मतदान करने के योग्य कोई भी मतदाता अपने अधिकार से वंचित न रह जाए। इसके लिए हर मतदाता को समय पर फॉर्म उपलब्ध कराया जाए और इस प्रक्रिया की निगरानी सख्ती से की जाए।

बैठक का उद्देश्य और निष्कर्ष:

इस समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को समुचित रूप से संचालित करना था, ताकि सभी मतदाता, विशेष रूप से वृद्ध और दिव्यांग जन, और चुनाव कार्य में लगे अधिकारी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बैठक के दौरान इस बात पर बल दिया कि मतदाताओं के प्रति निष्पक्षता और समर्पण के साथ कार्य किया जाए।

पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया और समयसीमा:

इस अवसर पर यह भी बताया गया कि पोस्टल बैलेट प्रक्रिया को समयसीमा के भीतर पूरा करना आवश्यक है। जिन मतदाताओं को पोस्टल बैलेट फॉर्म भरना है, उन्हें समय पर फॉर्म 12D प्रदान किया जाए। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के अंतर्गत मतदाता अपने घर से ही मतदान कर सकेंगे, जिससे वे किसी भी प्रकार की असुविधा से बच सकें।

निष्कर्ष:

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार की अध्यक्षता में हुई इस समीक्षा बैठक से यह स्पष्ट हो गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और सुव्यवस्थित ढंग से संचालित किया जाएगा। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे चुनाव के हर चरण में मतदाताओं की सुविधा का ध्यान रखें और सुनिश्चित करें कि कोई भी योग्य मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे।

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