रांची: योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में गोवंश संरक्षण और गोचर भूमि की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली निर्णय लिए हैं। इस दिशा में सरकार का सबसे बड़ा कदम राज्य भर में गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराना रहा है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अब तक 27 हजार हेक्टेयर से अधिक गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराया है। यह कदम न केवल राज्य में गोवंश संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र और पशुधन के लिए भी बेहद जरूरी था।
27 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया
सरकार के आदेश पर, अयोध्या, आगरा, फिरोजाबाद, कासगंज, बाराबंकी, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, श्रावस्ती, रामपुर, गाजीपुर और वाराणसी जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर गोचर भूमि पर से अवैध कब्जे हटाए गए। आंकड़ों के अनुसार, इन जिलों में 27 हजार 688 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है। यह सिर्फ शुरुआत है, क्योंकि अन्य जिलों में भी इस प्रक्रिया को तीव्रता से आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 5 बड़े आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंश संरक्षण के लिए राज्य के सभी जिलों में अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। आइए जानते हैं इन 5 बड़े आदेशों के बारे में:
1. ग्रामवार गोचर भूमि की सूची तैयार कर कब्जा मुक्त करें
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक ग्राम की गोचर भूमि की सूची तैयार करें और उसे कब्जा मुक्त कराएं। यह कदम गोचर भूमि की पहचान सुनिश्चित करने और इसके सही उपयोग को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। इस प्रक्रिया से ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंश के लिए चराई की सुविधा आसानी से उपलब्ध होगी।
2. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निराश्रित गोवंश का आंकलन
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निराश्रित गोवंश का वास्तविक आंकलन किया जाए। इसके आधार पर, सरकार ने सभी गो-आश्रय स्थलों में अतिरिक्त शेड का निर्माण कराने का निर्णय लिया है, ताकि निराश्रित गोवंश को सुरक्षित स्थान उपलब्ध हो सके और उनके संरक्षण में कोई कमी न आए।
3. गो-आश्रय स्थलों की साफ-सफाई की व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी सुनिश्चित किया है कि राज्य के सभी गो-आश्रय स्थलों की साफ-सफाई का समुचित प्रबंध हो। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी आश्रय स्थल पर कीचड़ या जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो। इस पहल से गोवंश के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के साथ-साथ आश्रय स्थलों के वातावरण को भी स्वच्छ और स्वस्थ बनाया जा सकेगा।
4. भूसा, हरा चारा और पानी की समुचित व्यवस्था
योगी सरकार ने आदेश दिया है कि सभी गो-आश्रय स्थलों में भूसा, हरा चारा, पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि गोवंश को किसी भी प्रकार की खाने-पीने की समस्या न हो और वे स्वस्थ रहें।
5. मृत गोवंश का सम्मानजनक दफन
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिलों के अधिकारियों को यह भी आदेश दिया है कि मृत गोवंश को सम्मानजनक तरीके से और सही विधि से दफनाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इससे न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखा जाएगा बल्कि यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण कदम है।
गो-संरक्षण की दिशा में योगी सरकार की पहल
योगी सरकार की यह पहल राज्य में गो-संरक्षण के लिए एक आदर्श स्थापित कर रही है। गोवंश को न केवल संरक्षण प्रदान किया जा रहा है, बल्कि उनकी देखभाल, सुरक्षा और स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों में गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराने का यह प्रयास अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा स्त्रोत साबित हो सकता है।
सरकार की इस नीति से न केवल गोवंश को लाभ होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी इस पहल से लाभान्वित होंगे, क्योंकि गोचर भूमि के पुनः कब्जे से खेती-बाड़ी में भी सुधार होगा।
योगी सरकार की इस पहल ने यह सिद्ध कर दिया है कि राज्य में गोवंश की देखभाल और उनकी सुरक्षा के प्रति सरकार की नीति स्पष्ट और दृढ़ है। यह कदम ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे, जिससे पर्यावरण और गोवंश संरक्षण को नई दिशा मिलेगी।