समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणायें
पटना, 06 जनवरी 2025: प्रगति यात्रा के दूसरे चरण में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैशाली जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में हाजीपुर स्थित बिहार सुधारात्मक प्रशासनिक संस्थान सभागार में समीक्षात्मक बैठक की। इस समीक्षात्मक बैठक में वैशाली जिला के जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वैशाली जिले के विकास कार्यों की प्रगति एवं उपलब्धि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेली मेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।
इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज / परिमार्जन / परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन- हरियाली के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां उपस्थित सभी जन प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखी है। यहां उपस्थित संबंधित विभागों के अधिकारीगण आपलोगों की समस्याओं से अवगत हो चुके हैं। जल्द ही उन समस्याओं का समाधान करेंगे। इस बैठक में मैं आप सभी का स्वागत करता हूं। हम आप सभी जन प्रतिनिधियों से यह आग्रह करेंगे कि वर्ष 2005 के बाद बिहार में जो भी विकास के काम हुए हैं उन सबसे लोगों को अवगत कराएं। साथ ही 2005 के पहले बिहार की बदहाल स्थिति के विषय में भी लोगों को बताएं। आज हमने वैशाली जिले में कई जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है, लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं से भी अवगत हुआ हूं।
काफी अच्छा काम हो रहा है। 24 नवंबर, 2005 से बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया। उस समय से हमलोग बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं, काफी बदलाव आया है। प्रदेश में अमन चैन और सद्भाव का माहौल कायम है। राज्य सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है। वर्ष 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी।
प्रायः हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं। हर क्षेत्र में निरंतर विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी की उपेक्षा नहीं की गई है। हमलोग एकजुट रहकर बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। पहले बिहार में सड़कों की संख्या काफी कम थी और जो सड़कें थी उनकी स्थिति भी काफी जर्जर थी। जब हम सांसद थे तो कई किलोमीटर तक पैदल ही क्षेत्र भ्रमण करना पड़ता था। बिजली कुछ ही जगहों पर थी और कहीं भी 8 घंटे से ज्यादा बिजली की आपूर्ति नहीं होती थी। अब हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। खेती के लिए भी कृषि फीडर के माध्यम से किसानों को सस्ते दर पर बिजली मुहैया कराई जा रही है। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के सरकार में हम मंत्री रहे हैं। उन्होंने ही हमें बिहार का मुख्यमंत्री बनवाया। हम दो बार गलती से उधर चले गए थे। अब ऐसा नहीं होगा। पूरी मजबूती के साथहमलोगों एकजुट रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है। शेष कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। लोग वोट जिनको देना हैं दें, हमलोग समान भाव से सबकी सेवा कर रहे हैं। यह देखा गया कि हिन्दू मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं, इसको देखते हुए 60 वर्ष से अधिक पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का काम शुरू कराया गया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हों। संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटा किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006-07 से हमलोगों ने सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत कराई। उसके बाद वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू कराई गई। बच्चियां स्कूल से लौटने के बाद शाम में अपने माता-पिता को साइकिल बाजार भी ले जाती हैं। लड़को की मांग पर वर्ष 2010 से लड़कों के लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। बड़े पैमाने पर सरकारी शिक्षकों एवं नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई। स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। अब नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने जाते थे। हमलोगों ने वर्ष 2006 से सरकारी अस्पतालों में निरूशुल्क जांच एवं दवा वितरण का काम शुरू कराया। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 11 हो गई है। हमलोग हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करा रहे हैं।
सात निश्चय योजना के माध्यम से वर्ष 2020 तक हर घर नल का जल, हर घर तक पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन, हर टोले तक पक्की सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी गई हैं। इसके बाद जो भी नई बसावटें बनी हैं वहां इस साल विधानसभा चुनाव के पहले तक सात निश्चय योजना के तहत मूलभूत सुविधाओं को इपलब्ध करा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया जिसके बाद अब तक 4 चुनाव सम्पन्न हो चुका है। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है।
बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या 30 हजार से भी ज्यादा है। आज बिहार पुलिस में महिलाओं की जितनी संख्या है उतना देश के किसी राज्य के पुलिस बल में नहीं है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देना शुरू किया है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसका नाम आजीविका दिया। बिहार के शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है,
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना-2 के तहत हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने मदरसों को सरकारी मान्यता प्रदान की है। अब सरकारी शिक्षकों के समान मदरसा शिक्षकों को भी वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना कराने निर्णय लिया, जिसके बाद बिहार में जाति आधारित गणना कराई गई। जाति आधारित गणना में 94 लाख गरीब परिवारों को चिहिन्त किया गया है, जो हर जाति-धर्म से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।