दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज कर एक नया इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ ही भाजपा ने पहली बार दिल्ली में अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा पेश किया। पार्टी की वरिष्ठ नेता और मजबूत जनाधार वाली विधायक रेखा गुप्ता को विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे यह तय हो गया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वह विराजमान होंगी।
भाजपा ने सत्ता संतुलन बनाए रखने के लिए प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। प्रवेश वर्मा, जो पश्चिमी दिल्ली से सांसद और भाजपा के प्रमुख चेहरे रहे हैं, दिल्ली में जाट राजनीति का एक मजबूत आधार रखते हैं। इससे पार्टी को दिल्ली की विभिन्न जातीय और सामाजिक समीकरणों को साधने में मदद मिलेगी।
रेखा गुप्ता: संघ से राजनीति तक का सफर
रेखा गुप्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी रहीं और वहीं से राष्ट्रवादी विचारधारा को अपनाते हुए उन्होंने राजनीति में कदम रखा। दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए और अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (AIMA) से एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
छात्र राजनीति से लेकर दिल्ली की सत्ता तक
अपने छात्र जीवन के दौरान, रेखा गुप्ता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से सक्रिय रहीं और 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की महासचिव बनीं। इसके बाद, 2007 और 2012 में उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से पार्षद का चुनाव जीतकर वह दिल्ली की नगर राजनीति में एक मजबूत चेहरा बन गईं। उनकी मेहनत और पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए 2012-2013 में उन्हें दक्षिण दिल्ली नगर निगम का महापौर बनाया गया।
मेयर की रेस में हार, लेकिन विधानसभा में बड़ी जीत
2022 में, रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग से पार्षद का चुनाव जीता और भाजपा ने उन्हें एमसीडी मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया। हालांकि, इस चुनाव में आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय ने जीत हासिल की, जिससे रेखा गुप्ता को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया, बल्कि अपनी राजनीतिक रणनीतियों को और मजबूत किया।
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में, उन्होंने शालीमार बाग सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को 30,000 वोटों के बड़े अंतर से हराया। भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत के बाद, उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अब दिल्ली की कमान उनके हाथों में होगी।
प्रवेश वर्मा को बनाया गया डिप्टी सीएम
भाजपा ने सत्ता संतुलन बनाए रखने और दिल्ली के जाट मतदाताओं को साधने के लिए प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री पद सौंपने का फैसला किया है। प्रवेश वर्मा, जो पश्चिमी दिल्ली से सांसद रहे हैं, पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और दिल्ली की जाट राजनीति में एक मजबूत पकड़ रखते हैं। उनके उपमुख्यमंत्री बनने से दिल्ली में भाजपा की पकड़ और मजबूत होगी।
दिल्ली में भाजपा की नई शुरुआत
भाजपा की यह जीत न सिर्फ दिल्ली की राजनीति में बदलाव का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जनता ने आम आदमी पार्टी के 10 साल के शासन से अलग कुछ नया चाहा। दिल्ली में लंबे समय तक सत्ता से बाहर रहने के बाद भाजपा के लिए यह जीत ऐतिहासिक मानी जा रही है।
अब जब सस्पेंस खत्म हो चुका है, दिल्ली की गद्दी पर रेखा गुप्ता बैठेंगी और प्रवेश वर्मा उपमुख्यमंत्री के रूप में उनकी सरकार को संतुलन प्रदान करेंगे। भाजपा की इस जीत के साथ राजधानी की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।